क्या धरोहर बचा पाएंगे लोग

बिलासपुर— राज्य शासन के एक निर्णय के बाद जिले के एक सौ तीन साल पुराने मुन्नूलाल शुक्ल कन्या शाला बंद किया जा रहा है। स्कूल को लालबहादुर शास्त्री स्कूल में मर्ज किया जा रहा है। जिसके विरोध में स्थानीय और कांग्रेसी नेताओं ने कलेक्टर से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम पर लिखित निवेदन करते हुए स्कूल को यथास्थिति बनाए रखने की मांग की है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि एक तरफ केन्द्र सरकार महामना मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से नवाजा है। तो दूसरी तरफ प्रदेश सरकार महापुरूषों के नाम से संचालित स्कूलों पर ताला ज़ड़ रही है। लोगों ने कलेक्टर से मिलकर बताया कि लालबहादुर स्कूल जर्जर स्थित में है फिर भी शासन मुन्नुलाल स्कूल कन्याशाला के छात्राओं को वहां भेज रही है। जबकि मुन्नू लाल स्कूल के जीर्णाद्धार के लिए पहले से ही शासन ने करोड़ों रूपए स्वीकृत किया है। बावजूद इसके स्कूल की तरफ निमग प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।
कलेक्टर से मिलकर कांग्रेस और स्थानीय लोगों ने कहा कि मुन्नू स्कूल को ऐतिहासिक धरोहर मानते हुए बंद न किया जाए। बल्कि जीर्णाद्धार कर स्कूल को बनाए रखा जाए। यहां पढ़ने वाली छात्राएं गरीब परिवार ताल्लुक रखते हैं। जिनकी हैसियत महंगे स्कूलों में पढ़ने की नहीं है। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि यहां की पढ़ाई भी ठीक-ठाक है। परिणाम भी अन्य सरकारी स्कूलों से बेहतर है।
प्रतिनिधि मंडल से बातचीत के बाद कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बाताया कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस मामले को शासन के सामने रखा जाएगा। इसके बाद जो भी निर्णय होगा उसे अमल में लाने का प्रयास किया जाएगा।