पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस रायपुर से नहीं राघोगढ़ से चल रही है। बंटाधारी बाबा दिग्विजय सिंह ने जिस तरह कांग्रेस का बंटाधार किया है उसे इतिहास में दर्ज किया जाएगा। अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में कांंग्रेस को लाचार स्थिति में लाने का श्रेय बंटाधार बाबा दिग्विजय सिंह को जाता है। धरमजीत ने कहा कि दिग्विजय कभी भी जनाधार वाला नेता रहा ही नहीं।
लोरमी पूर्व विधायक ने बताया कि अजीत जोगी जैसे व्यापक जनाधार वाले नेता के खिलाफ दिग्विजय का बोलना छोटा मुंह बड़ी बात जैसा है। धरमजीत ने कहा कि दिग्विजय सिंह की मुंह से लोकतंत्र की बात ठीक नहीं लगती। मूल्यों की बात दिग्गी राजा नहीं करें तो अच्छा है। क्योंकि उन्हें लोकतंत्र नहीं बल्कि राजतंत्र ज्यादा समझ में आता है। दिग्गी का संबध राजपरिवार से है। राजपरिवार में पिता के बाद पुत्र की ताजपोशी होती है।
धरमजीत के अनुसार जोगी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का नया क्षेत्रीय दल जनता का अपना दल है। कोटमी में पार्टी के गठन से पहले ही लोकतांत्रिक व्यवस्था से पार्टी का नाम चुनने के लिए उपस्थित लोगों से वोटिंग कराई गयी थी। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बदकिस्मती है कि कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह के चेले के हाथ में हैं। नेता प्रतिपक्ष दिग्गी के रिश्तेदार हैं। छत्तीसगढ़ की जनता छत्तीसगढ़ के बाहर के लोगों और राजा महाराजाओं को छत्तीसगढ़ में राज नहीं करने देगी।