Google search engine

भूपेश, महंत ने किया महामाया का दर्शन…कांग्रेसियों से लिया रिपोर्ट कार्ड…चन्द्राकर के घर पहुंच जताया शोक

बिलासपुर—-पूर्व केन्द्रीय मंत्री डाॅ.चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल रतनपुर स्थित महामाया के दरबार में मत्था टेका। प्रदेश की खुशहाली की कामना के बाद जिला कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात भी की। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने भूपेश और चरण दास महंत का जोरदार स्वागत भी किया। साथ ही जिला कांग्रेस के नेताओं ने पीसीसी प्रमुख के सामने जिले की गतिविधियों की रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया रतनपुर आगमन पर बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के नेता त्रिलोक श्रीवास ने अपने साथियों के साथ पीसीसी प्रमुख और पूर्व केन्द्रीय मंत्री का स्वागत किया।

Join WhatsApp Group Join Now

                                              इसके पहले पीसीसी प्रमुख भूपेश और चरणदास महंत बिलासपुर में बैजनाथ चन्द्रकार के घर भी गए। चन्द्राकर के छोटे भाई के निधन पर शोक जाहिर किया। परिवार के सदस्यों से मिलकर सांत्वना भी दी। इसके बाद दोनों नेता मां महामाया सिद्ध शक्तिपीठ का दर्शन करने रतनपुर रवाना हुए। दोनों नेताओं ने महामाया के दरबार में मत्था टेकर प्रदेश वासियों के लिए सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।

                             इस दौरान  प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव, प्रदेश सचिव महेष दुबे, आशीष सिंह ठाकुर, अर्जुन तिवारी, शैलेश पाण्डेय, राजू यादव, अशोक अग्रवाल, जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र षुक्ला, संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय, सुभाष ठाकुर, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सीमा पाण्डेय, धर्मेष शर्मा, अरविंद षुक्ला, देवेन्द्र बाटू, सुनील शुक्ला, सुधांशु मिश्रा, ऋष पाण्डेय समेत कई कांग्रेसी मौजूद थे। छत्तीसगढ़ भवन में प्रदेश अध्यक्ष भूपेश ने सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। भूपेश बघेल भिलाई और चरण दास महंत कोरबा के लिए रवाना हो गये।
शहीद ए आजम को किया याद

शहीद आजम को किया याद

                          कांग्रेस भवन में शहीद दिवस पर कांग्रेसियों ने शहीद ए भगत सिंह, राजगुरू एवं सुखदेव को याद किया। कांग्रेसियों ने बताया कि आज के ही दिन 1931 में अंग्रेजी हुकुमत ने भारत के तीनों  सपूतों को फांसी पर लटका दिया । वैसे तो यह दिन भारतीय इतिहास में काला दिन माना जाता है। लेकिन स्वतंत्रता की लड़ाई को खुद को देश की बेदी पर चढ़ाने वाले नायक हमारे आदर्श हैं। तीनों वीरों ने षहादत कर देष को आजाद करने का बीज बोया था। आज हम सब इन्ही शहीदों के कारण आजादी की सांस ले रहे हैं।

            कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भगत सिंह अपने विचारों के लिए जाने जाते थे। मात्र 23 साल की उम्र में उनकी शहादत ने पूरे विश्व में संदेश गया कि भारत अब परतंत्र नहीं रहेगा ।भगत सिंह को  इंकलाब जिंदाबाद का पर्याय भी माना जाता है। कार्यक्रम का संयोजन जफर अली ने किया।

close
Share to...