बिलासपुर—एनटीपीसी और भू-विस्थापितों के बीच आज मंथन सभागार में जमकर बहस हुई। भू विस्थापित पीड़ितों ने एनटीपीसी के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। बैठक के दौरान कलेक्टर,सांसद,विधानसभा उपाध्यक्ष समेत एनटीपीसी के अधिकारी और प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण भी मौजूद थे।
समस्याओं के निराकरण हेतु गठित समिति की बैठक कलेक्टर श्री अन्बगलन पी. की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। विधानसभा उपाध्यक्ष श्री बद्रीधर दीवान और बिलासपुर सांसद श्री लखनलाल साहू बैठक में विशेष रूप से उपस्थित थे। प्रताड़ित ग्रामीणों ने कलेक्टर,सांसद और विधानसभा उपाध्यक्ष के सामने एनटीपीसी के कथनी और करनी पर जमकर बोला। ग्रामीणों ने बताया कि एनटीपीसी ने केवल उन्हीं को नौकरी दिया जिन्होने उनकी सेवा की। असली हितग्राहियों को आज तक ना तो मुआवजा ही मिला और ना ही नौकरी। बैठक के पहले हम लोगों ने सालों साल कई बार नौकरी के लिए गुहार लगाई। लेकिन प्रबंधन ने दो टूक कहा कि नौकरी नहीं मिलेगी। आज तक हम लोग जमीन खोकर दर दर भटक रहे हैं। इतना ही नहीं जिन्हें एनटीपीसी ने प्रशिक्षित किया उन्हें ही नौकरी देने से इंकार कर दिया है।
बैठक में सांसद और विधानसभा उपाध्यक्ष ने एनटीपीसी अधिकारियों को जमकर लताड़ा। उन्होने पूछा कि आज एनटीपीसी ने कितने लोगों को नौकरी। विधानसभा उपाध्यक्ष ने प्रबंधन को डांटते हुए कहा कि जब कुशल मजदूरों को अकुशल मजदूरी पर ही रखना था तो उन्हें दो साल तक किस बात का प्रशिक्षण दिया गया। बद्रीधर दीवान ने कहा कि एनटीपीसी की ढर्राशाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। हम मंत्री से मिलकर शिकायत करेंगे। अन्यथा इसका परिणाम एनटीपीसी को भुगतना होगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि एनटीपीसी के भू-विस्थापित 8 गांवों के 3105 परिवारों का सर्वेक्षण किया जायेगा। रिकार्ड दुरूस्त किये जायेंगे। सर्वेक्षण टीम का गठन किया जाएगा। टीम में एनटीपीसी और राजस्व विभाग के कर्मचारी के साथ ही संबंधित ग्राम के सरपंच, सचिव भी शामिल होंगे। कलेक्टर ने कहा कि सर्वेक्षण के बाद तैयार सूची को प्रकाशित किया जाएगा। दावा-आपत्ति के बाद अंतिम सूची का प्रकाशन होगा।इससे ग्रामीणों को न्याय मिलेगा।
कलेक्टर ने सर्वेक्षण के लिए तिथि निर्धारित कर गांवों में मुनादी करने को कहा है। एनटीपीसी 692 पदों पर प्रभावित परिवारों के सदस्यों को नौकरियां देगी।
कलेक्टर ने कहा कि एनटीपीसी के सीएसआर मद से प्रभावित गांवों का विकास किया जाएगा। प्रभावित परिवारों के 15 युवाओं को जिन्होंने आईटीआई की है उन्हें पात्रतानुसार 31 जनवरी 2017 तक एनटीपीसी में नियुक्ति देना होगा। कलेक्टर ने भू-विस्थापितों के समस्या निराकरण करने हर माह चौथे शनिवार को निर्धारित बैठक अनिवार्य रूप से करने को कहा।
विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान ने भू-विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण नहीं होने पर असंतोष जताया। सांसद लखनलाल साहू ने कहा कि एनटीपीसी से निकलने वाले राखड़ से प्रभावित किसानों को पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए। भू-विस्थापितों की समस्याओं का स्थायी समाधान एनटीपीसी को करना ही होगा। बैठक में प्रभावित गांवों के सरपंच और किसानों ने अपनी-अपनी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर के.डी. कुंजाम, संयुक्त कलेक्टर एस.आर.कुर्रे, एसडीएम मस्तूरी एस.के.पैकरा, जनपद पंचायत मस्तूरी अध्यक्ष चांदनी भारद्वाज, जिला पंचायत सदस्य अशोक सूर्यवंशी, अन्य जनप्रतिनिधि, एनटीपीसी अधिकारी, प्रभावित किसान उपस्थित थे।