बिलासपुर—आज जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद आदिवासी छात्राओं ने जमकर उग्र प्रदर्शन किया। पहले आई जी चौराहे पर बाद में कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। कोनी में भी आदिवासी छात्रों ने जिला प्रशासन के फरमान के विरोध में चक्काजाम करने का प्रयास किया। आई चौक से खदेड़े गए छात्र छात्राओं ने जब कलेक्टर का घेराव किया तो पुलिस प्रशासन ने सभी को गिरफ्तार कर कोनी थाना भेज दिया। देखते ही देखते छात्राओं के उग्र प्रदर्शन ने राजनीतिक रूप ले लिया। फिर क्या था मरवाही विधायक अमित जोगी अपने समर्थक दिलीप लहरिया,सियाराम कौशिक और अन्य कांग्रेसियों के साथ छात्राओं से मिलने पहुंच गये। उन्होंने जिला प्रशासन की तुगलकी फरमान का विरोध करते हुए एलान किया कि जब तक छात्र और छात्राओं को रहने की व्यवस्था नहीं होती है वे मरवाही सदन में आकर रहें ।
छात्रावास की लड़ाई ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर पहले भूपेश गुट ने छात्राओं के आदिवासियों और अनुसूचित जाति के मांगों का समर्थन करते हुए जिला प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
छात्रों की गिरफ्तारी के बाद मरवाही विधायक अमित जोगी, बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक और मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया भी छात्रों के समर्थन में कूद गए। अमित जोगी ने अपने समर्थकों के साथ पोस्ट मैट्रिक छात्रावास जाकर व्यवस्था का जायजा लिया। कोनी थाना पहुंचकर गिरफ्तार किये गये आक्रोशित छात्राओं और छात्रों के आक्रोश का समर्थन किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि यदि प्रशासन के पास गरीब आदिवासी बच्चों के रहने के लिए स्थान नहीं है तो मरवाही सदन में रहने की व्यवस्था की जाएगी।
मरवाही विधायक अपने समर्थकों के साथ कलेक्टर अन्बलगन पी.से भी मिले। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आखिर कार्यवाही के बाद ये छात्र जाँएंगे कहां। जोगी ने पत्रकारों से बताया कि सरकार की नीतियों की नाकामयाबी है कि छात्रों को प्रवेश देने के बाद रहने की व्यवस्था नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि शर्म की बात है कि बृहस्पति बाजार में छात्रावास तो बना दिया गया है लेकिन बाऊंड्रीबाल अभी तक नहीं बना। जहां सुरक्षा के इंतजाम ना होने से भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। वहां भेजने के पहले प्रशासन को सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है।
बहरहाल जोगी ने सिस्टम को आडे हाथ लेते हुए कहा कि जिला प्रशासन के तुगलकी फरमान को हम नहीं मानते हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि अब हम गरीब और मजबूर छात्र और छात्राओं की लड़ाई लडेंगे।