0 बिलासपुर में शायद ही सफल हो पायेगा अण्डर ग्राउण्ड सीवरेज सिस्टम का काम
(शशिकांत कोन्हेर)बिलासपुर- बिलासपुर में अण्डर ग्राउण्ड सीवरेज के लिये बीते दस साल से चल रहा काम क्या कभी पूरा भी हो पायेगा ? ये एक एैसा सवाल है, जिसका जवाब बिलासपुर नगर निगम तो दूर ,प्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग के पास भी शायद नहीं ही होगा । ऐसा इसलिये कहना पड रहा है कि इस शहर में सीवरेज या कहें भूमिगत नाली के निर्माण का काम नगर निगम के ऐसे नाकारा इंजीनियरों के जिम्मे दिया गया है, जो शहर में साधारण नालियां और सडकें बनाने जैसे मामुली काम तक में नाकारा साबित हो चुके हैं । इन इंजीनियरों की देखरेख में बनाई गयी शहर की किसी भी नाली में जरा सा बहाव नहीं है, वहीं उनका निर्माण इतने घटिया ढंग से किया गया है कि दो चार माह के भीतर ही इन नालियों की दीवारें दरकनें लगतीं हैं ।
इनमें जरा भी बहाव नहीं होने के कारण पूरे शहर की नालियां बारहों माह जाम पड़ी रहती हैं । इनकी जांच कर कोई भी यह बता सकता है कि इन नालियों का निर्माण ही गलत ढंग से किया गया है । सोचा जा सकता है कि अब इन्ही इन्जीनियरों के भरोसे भूमिगत नाली निर्माण का काम सौप दिया गया है । इस काम की देखरेख और योजनानुसार सीवरेज का निर्माण करने वाली एजेन्सी के पलायन के बाद अब भूमिगत नाली बनाने का पूरा दारोमदार निगम की निर्माण एजेन्सी के उन नाकारा इंजीनियरों पर आ गया है, जिनकी बनायी सडकें और नालियां कितनी अल्पजीवी होती हैं, यह बताने की जरूरत नहीं है ।
इस घटिया की निर्माण की पुष्टि हाल ही में नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से भेजी गई जांच टीम की रिपोर्ट से भी होती है । इस जांच टीम ने अरपापार क्षेत्र में किये गये सीवरेज के काम को घटिया और पूरी तरह फेल निरूपित कर दिया है । वहीं नगर निगम ने अरपापार क्षेत्र में भूमिगत नाली निर्माण के काम को पूर्ण हुआ बताकर खुद मुख्यमंत्री डा रमनसिंह के हाथों उसका लोकार्पण भी करा दिया । ज़बकि सचाई यह है कि नगरनिगम ने अरपापार क्षेत्र में कागजों पर जितने घरों में सीवरेज के कनेक्शन देने का दावा किया है, वो सरासर झूठा है । अरपापार सरकण्डा, चांंटीडीह, बंधवापारा, लोधी पारा और राजकिशोर नगर क्षेत्र के मकानों में कहीं कोई सीवरेज का उपयोग नहीं किया जा रहा है । और जिन घरों में इसका कनेक्शन किया गया था, उनमें से अधिकांश घर-मालिकों ने इसे काट कर अलग कर दिया है ।
इनमें से कुछ का कहना है कि सीवरेज की पाईप लाईन से उनके घरों का मल-जल बाहर निकलने की बजाय बाहर की गंदगी और गंदा पानी उल्टे उनके ही घरों में घुस रहा था, इससे बचने के लिये उन्होने कनेक्शन ही काट कर अलग कर दिया । वहीं रायपुर से पधारी नगरीय प्रशासन विभाग की जांच टीम की रिपोर्ट के बाद यह साफ दिख रहा है कि न केवल अरपापार वरन समूचे बिलासपुर में इस महत्वाकांक्षी योजना का काम बेहद घटिया तरीके से किया गया है , और इसी वजह से तकनीकी जानकारों को आशंका है कि अब पूरे शहर में सीवरेज सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हो सकता है ।
पैंतीस से चालीस साल पहले भी शहर में एक बार और भूमिगत नाली योजना पर काम हुआ था,लेकिन यह निर्माण पूरी तरह फेल हो चुका था और इसके अवशेष आज भी सिम्स चौक से गांधी चौक तक शहर के मेन रोड के नीचे दबे हुए हैं । साफ दिख रहा है कि ठीक उसी तरह बीते दस साल से शहर के चारों और खुदाई के बाद बिछायी गयी सैकडों करोड़ रूपयों की सीवरेज परियोजना और उसकी पाईप लाईनें एक बार फिर टेक्निकल ब्लंण्डर के चलते फेल साबित होने जा रही हैंं ।