बीजेपी नेता ओपी चौधरी पर कांग्रेस का पलटवार, कहा – CM की बजाय PM से करें सवाल

Shri Mi
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रायपुर।पूर्व आईएएस और अब बीजेपी नेता ओपी चौधरी के शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संबोधित कर सोशल मीडिया में लिखे गए एक पत्र का पीसीसी प्रवक्ता विकास तिवारी ने एक बार फिर जवाब दिया है। इसमें तिवारी ने कहा है कि चौधरी मुख्यमंत्री को यह याद दिलाने से पहले कि वे किसी  पार्टी या समूह के सीएम नहीं हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समझाएं कि वे किसी पार्टी विशेष या चंद उद्योगपतियों के पीएम नहीं हैं।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे 

प्रवक्ता विकास तिवारी ने अपने बयान में कहा है कि ‘पूर्व आईएएस’ ओपी चौधरी जब अंग्रेजी की कहावतें याद रख सकते हैं तो उन्हें छत्तीसगढ़ी हाना और लोकोक्तियां भी उतनी ही याद रहनी चाहिए, जिसमें कहा गया है कि ‘जइसन बोही, तइसन लूही’ अर्थात कर्म के अनुसार ही फल मिलता है। ‘पूर्व आईएएस’ को याद रखना चाहिए कि रमन सरकार के कर्म के अनुसार ही उसे फल मिला है और स्वयं चौधरी को भी उनके ही कर्मों का फल मिला है।

विकास तिवारी ने कहा है कि जब चौधरी मुख्यमंत्री के सामने प्रश्न रख रहे हैं तो उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि उनके नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 5 साल में कितनी बातों का जवाब देश की जनता को नहीं दिया, वे तो मीडिया का सामना करने से ही घबराते हैं। जब ‘पूर्व आईएएस’ सीएम से यह कहते हैं कि अदने से अदने व्यक्ति के सवाल का उन्हें जवाब देना चाहिए, तो चौधरीजी को यही बात पीएम नरेंद्र मोदीजी से भी कहने की ‘हिम्मत’ रखनी चाहिए। वैसे तो चौधरी जी पहले मुझे अदने के इसी बात का जवाब दे दें कि क्यों उनके कार्यकाल में डीएमएफ फंड का ऐसा दुरुपयोग हुआ, जिसकी परतें अब तक खुल रही हैं।

प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि चौधरी यह जरुर कहते हैं कि वे रोजगार के लिए राजनीति में नहीं आए, लेकिन हकीकत यही है कि एक भ्रष्टतम सरकार में काम करते हुए उन्हें अपने लिए असीम संभावनाएं नजर आई होंगी तब ही उन्होंने ‘आईएएस’ से ‘पूर्व आईएएस’ का चोगा ओढ़ना पसंद किया होगा। तिवारी ने चौधरी को सलाह देते हुए कहा है कि बेहतर होगा कि चौधरी सवाल सीएम की बजाय पीएम नरेंद्र मोदी पर दागें, जिनसे देश आज कई सवालों के जवाब मांग रहा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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