बिलासपुर।शुक्रवार 05 अगस्त को अपनी उम्र की अंतिम पड़ाव पर जीवनरत तेंदूआ “मोहन” उम्र 16 वर्ष का आज कानन में सुबह 9.45 बजे मौत हो गया है। दन्तेवाड़ा बस्तर से 03 फरवरी 2001को कानन आए नर तेंदूआ “मोहन” एवं मादा तेंदूआ “मोहनी” की प्रथम संतान “रवि’ (नर) का जन्म अगस्त 2003 में हुआ एवं द्वितीय संतान “कानन” का जन्म वर्ष 2006 में हुआ इसके बाद इनकी तृतीय संतान “डायना” (मादा) एवं (नर) “जय” हुआ जो सभी कानन में स्वस्थ हैं। “मोहन” तेंदूआ का दांत घीस गये थे जिसके कारण इसे पिछले दो साल से आहार में चिकन दिया जा रहा था, जिसे भी पिछले 6 माह से चिकन को नरम व कीमा बनाकर दिया जाता रहा है।
अभी पिछले 10 दिनों से आहार लेने में असक्त होने पर ड्रीप भी दिया गया, परन्तु आज “मोहन” तेंदूआ कानन पेण्डारी जू की रेस्क्यू सेन्टर की कक्ष में सुबह 9.45 बजे अपनी अंतीम सांस लिया। आज दोपहर में दो बजे तेंदूआ का पोस्टमार्टम वनमण्डलाधिकारी अमिताभ बाजपेयी की उपस्थिति में कराकर संपूर्ण अंगों सहित जला दिया गया।
वर्तमान में इनकी संतान 4 नग के साथ इसकी जीवन संगिनी मादा तेंदूआ “मोहनी” उम्र 16 वर्ष अपने केज में है साथ ही माह अक्टूबर 2015 में लोरमी से रेस्क्यू कर लाए मादा तेंदूआ “नूरी” सहीत वर्तमान में कुल 6 वयस्क तेंदूआ कानन में हैं। इनके अतिरिक्त इन्द्रावती टाईगर रिजर्व से रेस्क्यू कर पालन हेतु कानन आए दो नर तेंदूआ शावक रेस्क्यू सेन्टर में स्वस्थ बढ़त को प्राप्त हो रहे हैं, साथ ही अचानकमार टाईगर रिजर्व से माह जून 2016 में लाया गया एक नर तेंदूआ शावक भी सुरक्षित बढ़त की ओर अग्रसर है।