♦राज्यपाल के हाथो 26 जनवरी को मिलेगा सम्मान
रायपुर।राज्य वीरता पुरस्कार 2016-17 के लिए प्रदेश के चार बहादुर बच्चों का चयन किया गया है।कृषि मंत्री तथा राज्य वीरता पुरस्कार निर्णायक समिति के अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में शनिवार को हुई आयोजित समिति की बैठक में इन बच्चों के साहसिक कारनामों पर विचार करने के बाद उनका चयन किया गया।राज्यपाल बलराम जी दास टंडन इन बच्चों को आगामी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को राजधानी रायपुर के पुलिस मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य समारोह में नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर इन्हें सम्मानित करेंगे।पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों में कु. राधिका साहू पिता ईश्वर लाल साहू, ग्राम परसदा पोस्ट सांकरा तहसील व जिला बालोद, चिरंजीव अथर्व श्रीवास्तव पिता मनीष श्रीवास्तव, शिव सदन पुराना सिविल लाईन महासमुंद,कु.लक्ष्मी यादव, पिता द्वारका प्रसाद यादव, गली नं. 4, शक्तिनगर रायपुर तथा चिरंजीव प्रभुराम मझवार पिता स्व. सुख सिंह मझवार, ग्राम गुरमा, पो. चिर्रा, जिला कोरबा शामिल हैं।
कोरबा जिले के सघन वन क्षेत्र के ग्राम गुरमा के 16 वर्षीय प्रभुराम मझवार के पराक्रम की कहानी वनवासियों में हौसला जगाती है। हर साल माह फरवरी और मार्च में भालुओं के हमले से वनवासियों के घायल होने की घटनाएं अक्सर होती रहती है। इन दोनों माह में महुआ में फूल आते हैं।वनवासी इन्हीं महुआ फूलों को इकट्ठा करने जंगल जाते हैं और भालू महुआ खाने जंगलों से निकलते हैं। घटना 29 मार्च 2016 की है। सुबह 7 बजे ग्राम गुरमा निवासी स्व. श्री सुखसिंह मझवार का बेटा प्रभुराम मझवार अपने छोटे भाई सात साल के जोईधा मझवार के साथ महुआ बिनने गए थे। दोनों बच्चे महुआ बिन रहे थे। उसी समय जंगल से एक भालू वहां आ धमका। भालू को देखकर प्रभुराम मझवार महुआ के पेड़ पर ही चढ़ गया। उसे देखकर उसका छोटा भाई भी पेड़ पर चढ़ने लगा, लेकिन वह असफल रहा। प्रभुराम मझवार ने अपने छोटे भाई जोईधा को पेड़ पर चढ़ाने के लिए अपना हाथ दिया और उसे ऊपर खींचने लगा।
उसी समय भालू जोईधा के दाहिने पैर को पकड़ लिया और नीचे खींचने लगा। यह देखकर प्रभुराम पेड़ से नीचे कूद गया और अपने छोटे भाई की जान बचाने के लिए अपने पास रखी कुल्हाड़ी से लगातार वार करने लगा और तब तक वार करता रहा जब तक भालू ने उसके भाई को छोड़ नही दिया। उसके बाद भालू वहां से भाग गया। भालू ने जोईधा के दाहिने पैर को नोंचकर जख्मी कर डाला, परन्तु उसके बड़े भाई प्रभुराम के पराक्रम से उसकी जान बच गई। भालू के भागने के बाद प्रभुराम अपने छोटे भाई जोईधा को कंधे में उठाकर गांव ले आया और घटना की सूचना गांव वालों और वन विभाग के कर्मचारियों को दी। गांव वालों ने तुंरत 108 संजीवनी एक्सप्रेस को बुलवाकर घायल जोईधा को जिला अस्पताल कोरबा ले जाकर इलाज कराया। घटना के संबंध में चर्चा करने पर प्रभुराम ने बताया कि घटना के समय उसे केवल अपने छोटे भाई की चिंता थी। उसे भालू से बिल्कुल भी डर नहीं लगा।