बिलासपुर—मछुआ महासंघ ने आज नेहरू चौक पर शक्ति प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा कि जानबूझकर मछुआ समाज को अनुसूचित जन जाति वर्ग में नहीं डाला जा रहा है। इसके पहले भी कई बार प्रदेश सरकार से बातचीत कर मछुआ समाज को न्याय दिलाने की मांग की। बावजूद इसके सरकार ने उन्हें हमेशा गुमराह किया। मछुआ समाज के नेताओं ने नेहरू चौक में आम सभा को संबोधित करने के बाद जिला कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र दिया। साथ ही न्याय नहीं मिलने पर अनवरत आंदोलन की धमकी भी दी।
मछुआ महासंघ ने दो सूत्रीय मांगों को लेकर पचरी घाट से रैली की शक्त में मनोहर टाकीज गोलबाजार,सदर बाजार से होते हुए नेहरू चौक पहुंचे। मछुआ समाजे के नेताओं ने समाज की भीड़ को संबोधित किया।
मछुआ महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि साल 2018 से लेकर अभी तक मछुआ समाज के साथ प्रदेश सरकार धोखा दे रही है। दस साल के बाद भी मछुआ समाज को अनुसूचित जन जाति में शामिल नहीं किया गया। नेताओं ने बताया कि साल 1950 से पहले तक मांझी जाति में मछुआ समाज के सभी लोगों को विशेष दर्जा हासिल था। लेकिन संविधान लागू होने के बाद मांझी समाज को साजिश के तहत अनुसूचित जाति वर्ग से बाहर निकाल दिया गया।
समाज के नेताओं ने बताया कि प्रदेश सरकार ने चुनाव के समय मल्लाह,केंवट,मांझी,कहार,कहरा,निषाद,ढीमर,भोई समेत अन्य मछली मारने वाली जातियों को अनुसूचित जन जाति वर्ग में शामिल करने का एलान किया था। साल 2008 में आदिम जाति कल्याण विभाग ने सरकार के इशारे पर केन्द्र को गलत नृजाति रिपोर्ट भेजी। जिसके चलते मछुआ समाज को आज तक न्याय नहीं मिला है। हाइकोर्ट ने भी स्प्ष्ट कहा है कि यह काम सरकार कर सकती है। बावजूद इसके आज तक मछुआ समाज के विभिन्न जातियों को न्याय नहीं मिला है।
मछुआ समाज के नेताओं ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक आजाक विभाग सही नृजाति रिपोर्ट केन्द्र सरकार के सामने पेश नहीं करता है। तब तक हमारा संघर्ष चलेगा। मछुआ समाज के लोगों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जिला अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम पत्र दिया। न्याय नहीं मिलने तक संघर्ष करने की बात कही।