सोनाखान।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि देश का पहला खाद्य सुरक्षा एवं पोषण सुरक्षा कानून बनाने और राज्य में गरीबों को सिर्फ एक रूपए किलो में चावल देने की प्रेरणा छत्तीसगढ़ सरकार को अमर शहीद वीरनारायण सिंह से मिली है, जिन्होंने सन् 1856 के भीषण अकाल के दौरान छत्तीसगढ़ की अपनी जन्म स्थली और कर्मभूमि सोनाखान क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों को भूख से बचाने के लिए एक सम्पन्न व्यक्ति के भंडार से अनाज निकलवा कर अकाल पीड़ित जनता में वितरित कर दिया और उनके जीवन की रक्षा की।मुख्यमंत्री ने शनिवार को बलौदाबाजार जिले के सोनाखान कार्यक्रम में जनता को सम्बोधित किया।बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने गौर सिंग का मुकुट पहनाकर उनका अमित शाह का स्वागत किया।सीएम ने कार्यक्रम में कहा सोनाखान में शहीद वीर नारायण सिंह की आदमकद कांस्य प्रतिमा जल्द लगवायी जाएगी। डॉ. सिंह ने वहां अमर शहीद के पैतृक मकान और स्थानीय तालाब के जीर्णोद्धार के लिए 15 लाख रूपए मंजूर करने की भी घोषणा की। डॉ. सिंह ने कहा कि वीरनारायण सिंह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद होने का गौरव प्राप्त है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमित शाह ने कहा कि सोनाखान की शौर्यभूमि हर देशभक्त के लिए वंदनीय है। श्री शाह ने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे छत्तीसगढ़ के वनांचल की एक ऐसी जगह पर आने का मौका मिला, जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह की जन्म और कर्मभूमि भी है। शाह ने कहा वीरनारायण सिंह ने सन् 1857 में देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के आंदोलन में अपना ऐतिहासिक योगदान दिया और शहीद हो गए। उन्होंने संपन्न लोगों के गोदाम से अनाज निकलवा कर गरीबों को दिलवाया। आजादी के संघर्ष के लिए उनका योगदान इतिहास में अमर हो गया।