बिलासपुर।शासन के अस्थाई कर्मचारी संविलियन के बाद स्थाई हुए है।संविलियन शिक्षाकर्मियों के जीवन में एक नया उजियारा लेकर आया है। वर्तमान शासन की एक बड़ी सौगात है ।हम से नकार नहीं सकते लेकिन उस संविलियन के साथ कुछ विसंगतियां हैं। इससे भी भूल नहीं सकते हमारे बहुत से शिक्षक साथी अभी संविलियन की आस में बैठे है। संविलियन हुए 100 दिन पूरे होने वाले इन इस बीच में किसी ने भी शिक्षाकर्मियों के स्थानांतरण को लेकर किसी प्रकार की कोई चर्चा नही हुई है।
यह बयान जारी करते हुए नवीन शिक्षाकर्मी संघ की प्रदेश महिला अध्यक्ष गँगा पासी ने बताया कि प्रदेश की महिला शिक्षकों के लिए संविलियन जितना महत्वपूर्ण है। उतना ही महत्वपूर्ण खुली स्थानांतरण नीति है।
कई वर्षों से ट्रांसफर की आस देख रही घर से दूर दूसरे दूसरे जिले में कार्य कर रही महिला शिक्षाकर्मीयो की पारिवारिक स्थिति किसी से छिपी नही है। नोकरी, घर गृहस्थी परिवार के बीच आम शिक्षा कर्मी महिलाओं का दर्द भी संघ के नेताओ के अलावा सरकार भी समझे।
महिला शिक्षक नेता गंगा पासी ने बताया कि महिला शिक्षा कर्मियों को स्थानांतरण नीति में विशेष महत्व मिलना चाहिए। इसमें सभी शिक्षक संघो के नेताओ को कोई आपत्ति नही होनी चाहिए। क्योंकि आंदोलनो के दौरान महिला शक्ति ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। वो किसी से छिपा नहीं है।
गंगा ने बताया कि जिस संविलियन के लिए आभार और महासम्मेलन हो रहा है उनमे महिला शिक्षा कर्मीयो की बड़ी भूमिका है। शिक्षक संघ इस बात को भूल रहे है। और महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर भटक रहे है।
सभी संघों से निवेदन है कि संविलियन में महिला शिक्षाकर्मियों की अनदेखी न करें महिलाओं को खुले स्थानांतरण नीति में विशेष लाभ मिले ऐसा सब सामूहिक प्रयास करें।और मुख्यमंत्री रमन सिंह भी प्रदेश की सभी महिला शिक्षाकर्मियों को अपनी बेटी व बहन समझे और स्थांनतरण नीति में महिला शिक्षा कर्मीयो को विशेष रूप से महत्व दें।