बिलासपुर— सहायक शिक्षक पंचायत प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र बनाफर ने कहा कि हमारा संघ शिक्षाकर्मी साथियों के हित में बना है। हम शिक्षाकर्मी साथियों के हितों के लिए हमेशा समर्थन को तैयार हैं। दरअसल सहायक शिक्षक पंचायत गठन ही शिक्षाकर्मी विरोध नीतियों के खिलाफ ही हुआ है।सहायक शिक्षक पंचायत प्रदेश अद्यक्ष भूपेन्द्र बनाफर ने एलान किया है कि जब तक सहायक शिक्षक पंचायत पंचायत की वेतन विसंगति दूर नहीं होगी तब तक जंग लडेंगे। भूपेन्द्र बनाफर ने बताया कि इससे पहले भी हमने शिक्षाकर्मियों की संयुक्त मोर्चा को मुद्दे को लेकर खुलकर समर्थन किया है। आगे भी करते रहेंगे। लेकिन महसूस हो रहा है कि मोर्चा सहायक शिक्षक पंचायत के हितो के लिए गंभीर नहीं है। उन्हें केवल संविलयन की चिंता है। ऐसी सोच सहायक शिक्षक संघ के हितों के खिलाफ है।बनाफर ने बताया कि ऐसी सोच के पीछे की मुख्य वजह मोर्चा के संचालक हैं। बनाफर के अनुसार मोर्चा के मुख्य संचालकों में ज्यादतर लोग वर्ग एक और दो के हैं। साल 2013 से वेतन विसंगती की मार केवल वर्ग तीन के शिक्षाकर्मी झेल रहे हैं। इसलिए संविलियन से पहले वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
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आंदोलन में किसी भी शिक्षक संघ ने वर्ग तीन की वेतन विसंगति को अधिकारी के सामने गंभीरता से नहीं उठाया। अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए वर्ग तीन के शिक्षाकर्मियों को भीड़ के रूप में इस्तेमाल किया गया। संचालकों ने हर बार कहा कि हम आपकी बात रखने के लिए अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं। जबकि इसमें किसी प्रकार की सच्चाई नहीं है।
भूपेन्द्र ने बताया कि कुल शिक्षाकर्मियों में सहायक शिक्षक पंचायत की संख्या 69% है। सहायक शिक्षकों से कहा कि जिस दिन वर्ग तीन शिक्षाकर्मी संघवाद छोड़कर एक हुए अधिकार पाने से कोई रोक नहीं सकता है। भूपेन्द्र ने कहा कि संविलयन हमारी नियुक्ति तिथी से नहीं हुआ तो सहायक शिक्षक पंचायत सबसे अधिक घाटे में रहेगा। इसलिए जरूरी है कि पहले सहायक शिक्षक पंचायत की वेतन विसंगती को दूर किया जाए। इसके बाद ही संविलयन की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
अपनी अपील में भूपेन्द्र ने कहा यदि वेतन मे सुधार होता है वो पैसा परिवार के काम आएगा। हमे भेड़ चाल से बचना है और किसी भी गलत आंदोलन का हिस्सा नहीं बनना है। हमे अपने अधिकार के लिए अवाज उठाना है। यदि इस बात को लोग समझने को तैयार नहीं है तो पछतावा के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।