बिलासपुर— 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन की पहली वर्षगांठ मनाया जाएगा। महापौर ने आज नगर निगम टाउल हाल में आयोजित कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों को बताया कि स्वच्छता अभियान को एक साल होने को हैं। सरकार ने 25 सितम्बर से स्वच्छता पखवाड़ा मनाने का एलान किया है। कांग्रेस पार्षदों ने अभियान का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा सरकार महात्मा गांधी की आड़ में राजनीति पखवाड़ा मनाने का एलान किया है।
नगर निगम टाउन हाल में आयोजित बैठक में महापौर ने सरकार के संदेश को सबके सामने रखा। उन्होने बताया कि प्रदेश के कोने-कोने में 25 सितम्बर से स्वच्छता पखवाडा मनाया जाएगा। बिलासपुर में भी 25 सितम्बर से 11 सितम्बर तक राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन का पखवाड़ा मनाने का निश्चय किया गया है।
महापौर किशोर राय ने बताया कि शहर के सभी पार्षद अपने क्षेत्र में स्वच्छता मिशन की गतिविधियों की जानकारी आम नागरिकों को देंगे। सरकार के स्वच्छता के प्रति किये जा रहे प्रयासों को आम लोगों तक पहुंचाएंगे। अभियान से जुड़े फायदों को भी बताएंगे।
महापौर ने बताया कि 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन की पहली वर्षगांठ हैं। इसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती भी है। पहला चरण 25 से एक अक्टूबर, दूसरा चरण 2 अक्टूबर को होगा। तीसरा चरण लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जंयती 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर के बीच चलेगा। इस दौरान सभी पार्षद और आलाधिकारी राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के उद्देश्यों को जन-जन तक पहुंचाएंगे।
राय ने बताया कि 2 अक्टूबर को रायपुर में राज्य स्तरीय स्वच्छता मिशन को लेकर समारोह का आयोजन किया जाएगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेताओं ने स्वच्छता अभियान के बहाने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि 25 सितम्बर को दीनदयाल जंयंती है। इसलिए उनकी प्रतिमा को सजाया संवारा गया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा की हालत सालों से उपेक्षित है। बावजूद इसके आज तक उसके रख रखाव और जीर्णाद्धार के लिए भाजपा ने प्रयास नहीं किया। जबकि जीर्णाद्धार के लिए पार्षद निधि से कटौती भी की गई है।
शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि महात्मा गांधी विश्व के सबसे बड़े स्वच्छता अभियान के अम्बेस्डर हैं। लेकिन भाजपा ने जानबूझ कर 2 अक्टूबर को विशेष रूप से स्वच्छता वर्षगांठ बनाने का निर्णय लिया है। जिसे किसी भी स्थिति में तर्क संगत नहीं कहा जा सकता है।
निगम कांग्रेस पार्षद प्रवक्ता ने बताया कि अभियान के एक साल परे होने वाले हैं। शहर की सफाई बद से बदतर है। पचहत्तर प्रतिशत वार्डों की नालियां बजबजा रहीं है। जगह-जदह कचरों का ढेर पड़ा हुआ है। ठेकेदार अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। नलों से गंदा पानी निकल रहा है। सफाई अभियान के नाम पर केवल फंड का बंदरबांट हो रहा है। नियमित सफाई व्यवस्था का कहीं अता पता नहीं है। पन्द्रह दिन बाद शहर की हालत वैसी ही हो जाएगी। जैसी आज है।
शैलेन्द्र ने बताया कि कांग्रेस को दीनदयाल पखवाड़े मनाने य़ा उनके नाम से परहेज नहीं है। लेकिन राष्ट्रपिता की मूर्ती की क्या हालत है उस ओर भी भाजपा और महापौर सरकार को नजर डालना जरूरी है। दुनिया के सबसे बड़े सफाई अम्बेसडर का इस तरह का अपमान बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जितना खर्च सफायी अभियान पर खर्च किया जा रहा है यदि उसका आधा हिस्सा भी सफाई व्यवस्था पर कर दिया जाए तो नगर की सूरत कुछ अलग हो जाती।