बिलासपुर। जिस तरह पौधों को पानी सींचकर, जानवरों से बचाकर , उर्वरक और खाद् डालकर पोषित किया जाता है। इसके बाद वे स्वतः ही अपना विकास,आकार लेकर फल-फूल देने योग्य होते है। ठीक उसी विद्यार्थी छोटे पौधों की तरह होते हैं। हम उन्हें अच्छी शिक्षा, अच्छा वातावरण, मार्गदर्शन और सुविधा दे सकते है। इसके बाद उनसे अपनी इच्छा के अनुसार डाॅक्टर, इंजीनियर और बड़ा अधिकारी बनने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। वे पेड़ की तरह स्वयं ही फल-फूल देने योग्य बनकर समाज को लाभ देंगे।ये बातें डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने कहीं।कुलसचिव लोयला स्कूल में आयोजित वार्षिक उत्सव एवं विज्ञान प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन का स्कूली जीवन सबसे अच्छा और यादगार जीवन होता है।
इसके बाद जीवन में संघर्ष व चुनौतियां शुरू हो जाती है। दूसरी बात यह भी है कि स्कूल की बुनियाद में ही सफल जीवन का भवन तैयार होता है। इसलिए विद्यार्थी जीवन के इस पड़ाव में हमें दोनों बातों का ध्यान रखना चाहिए कि व उनमुक्त रहें पर उनके जीवन की बुनियाद भी सही हो। श्री पाण्डेय ने सभी विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर लोयला स्कूल के प्राचार्य श्री मिंज ने स्कूल की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया। इस अवसर पर प्रागण में बड़ी संख्या में विद्याथी, अभिभावक,शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
नन्हें वैज्ञानिकों ने मोहा
लोयला स्कूल में नन्हें वैज्ञानिकों ने एक से बढ़कर विज्ञान माॅडल बनाया। कुलसचिव श्री पाण्डेय ने माॅडल का निरीक्षण कर विद्यार्थियों से जानकारी ली और उन्हें प्रोत्साहित किया।इस अवसर पर लोयला स्कूल परिवार सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।