लोन 3 लाख…बैंक से लिया 39 लाख…पुलिस कप्तान ने बताया…गिरफ्तार होते ही लौटाने पहुंचा बैंक..आरोपी न्यायालय के हवाले

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— तीन लाख रूपए लोन का आवेदन कर बैंक से करीब 39 लाख रूपयों की ठगी के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।  मामले में बैंक प्रबंधन ने अपराध दर्ज कराया था। मामले में पुलिस कप्तान संतोष कुमार ने खुलासा किया कि पूछताछ के बाद आरोपी जुर्म कबूल किया। साथ ही रूपए लौटाने के साथ कार्रवाई से बचने का प्रयास किया। आईपीसी की धारा 420,34 का अपराध दर्ज करने के बाद आरोपी को न्यायालय के हवाले कर दिया गया है। 
 बिलासागुड़ी में पत्रकारों के साथ चर्चा के दौरान पुलिस कप्तान संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बैंक के साथ  करीब 39 लाख रूपयों की ठघी के आरोपी को रतनपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस कप्तान ने जानकारी दिया कि गांधीनगर रतनपुर निवासी आदतन बदमाश अरविंद जायसवाल पेशे से जमीन का कार्य करता है।  अरविन्द जायसवाल के खिलाफ रतनपुर थाना में कई अपराधिक प्रकरण भी दर्ज है। मामले में कई बार पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम भी दिया है।
अरविन्द जायसवाल ने भारतीय स्टेट बैंक शाखा रतनपुर में व्यवसाय के लिए लोन का आवेदन किया था।  बैंक के साथ अनुबंध पत्र में अरविंद जायसवाल ने तीन लाख रूपए मांगा था। इससे अधिक रकम का आहरण का अधिकार अरविन्द को नहीं था। इसी क्रम में  साल 2021 में अरविन्द ने शर्तों के साथ बैंक से लेन देन किया। 
इसके बाद 15 फरवरी 2022 से 13 जून 2022 तक लगतार 22 चेक के माध्यम से बैंक से अरविन्द ने  कुल रकम 3899596.42 रूपए का नियम विरूद्ध रूपयों का आहरण किया। इस दौरान आरोपी ने बैंक से निकाले गए रूपयों का  व्यवसाय में उपयोगन नहीं कर अलग अलग काम में दुरपयोग किया। उसने 3 लाख रूपये का लिमिट अनुबंध से अधिक जानबूझकर निश्चित समय के भीतर 3899596.42 रू राशि ठगी किया। इससे बैंक को लाखों रूपयों की हानि हुई।
पुलिस कप्तान ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान जानकारी मिली है कि आरोपी अरविंद जायसवाल ने बैंक के तात्कालीन मैनेजर और अन्य के साथ मिलकर ठगी को अंजाम दिया है। प्रबंधन की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 का अपराध दर्ज किया गया।
अपराध दर्ज किए जाने के बाद स्थानीय पुलिस ने लगातार पतासाजी कर अरविंद जायसवाल को फरार होने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौारन रआरोपी नेर बताया कि तात्कालीन बैंक मैनेजर और अन्य कर्मचारी के साथ मिलकर ठगी को अंजाम दिया है। बहरहाल आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
 एफआईआर दर्ज होते ही लौटाने आया रूपया
पुलिस कप्तान ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि जैसे ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके बाद आरोपी की तरफ से एक व्यक्ति 38 लाख रूपये लेकर बैंक पहुंचा। बैंक प्रबंधन को रूपया लौटाए जाने की बात कही। इस दौरान आरोपी के परिचित ने पुलिस कप्तान को फोन कर बताया कि वह पैसा लौटा रहा है। लेकिन उसके आदमी को जबरदस्ती थाना में बैठाकर रखा गया है।
फ्रॉड पर हुई कार्रवाई
पुलिस कप्तान ने बताया कि बेशक आरोपी के परिजनों ने बैंक को रूपया लौटाने पहुंचे। लेकिन मामला फ्रॉड का है। इसलिए अरविन्द जायसवाल को आईपीसी की धारा 420 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय के हवाले किया गाय है।
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