MGM आई इंस्टिट्यूट की याचिका हाई कोर्ट से खारिज ,शासन को जांच में सहयोग करने कोर्ट ने दिया निर्देश

Shri Mi
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा राज्य शासन की ओर से की जा रही जांच पर रोक लगाने पेश याचिका को ख़ारिज करते हुए याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति पी.सैम कोशी की एकल पीठ के समक्ष राजधानी रायपुर में संचालित मिक्की मेमोरियल ट्रस्ट एमजीएम आईं इस्टिटूयूट ने याचिका दाखिल कर कहा कि सुनवाई का अवसर दिए बिना एवं शिकायत की जानकारी नही देकर परेशान करने उनके संस्थान में निरीक्षण किया जा रहा है। याचिका में शिकायत की प्रति उपलब्ध कराए जाने के बाद कार्रवाई कराये जाने की मांग की गई थी। तब तक सभी जांच कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

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यह मामला विक्की मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से उच्च न्यायालय के समक्ष यह कहते हुए पेश किया गया था कि शासन द्वारा बार-बार एमजीएम आई इंस्टिट्यूट का निरीक्षण बिना सुनवाई का अवसर दिए हुए और किसी की शिकायत की जानकारी देते हुए परेशान किया जा रहा है ।याचिका में आवेदन किया गया था कि पहले शिकायत की प्रति प्रदान की जाए ।जिसके आधार पर निरीक्षण किया जा रहा है ।उसके बाद कार्यवाही की जाए और सभी जांच प्रक्रिया को खारिज की जाए.

शासन के द्वारा के द्वारा याचिकाकर्ता के की ओर से रखे गए मुद्दों का जवाब देते हुए जानकारी दी गई कि सभी कार्य कार्यवाही रजिस्टर पब्लिक लोक न्यास अधिनियम की परिधि के अंदर किया जा रहा है। जिसमें मात्र याचिकाकर्ता से जानकारी चाही गई है। जिसे याचिकाकर्ता के द्वारा बिना किसी वजह के छुपाया छुपाया जा रहा है। जिसे मांगने का अधिकार अधिनियम के तहत रजिस्ट्रार के पास है। किसी भी तरह का कोई कार्य विधि प्रावधानों के विपरीत नहीं किया गया है ।

साथ ही शासन की ओर से यह बात भी रखी गई कि याचिका शासकीय कार्य में व्यवधान करने के लिए की गई है। जिससे याचिकाकर्ता अपने विधि विरुद्ध कृत्यों को छिपा सकें ।हाई कोर्ट के द्वारा सुनवाई के बाद शासन के द्वारा की जा रही कार्यवाही में किसी भी प्रकार की कोई अवैधानिकता ना पाते हुए याचिका को निराकृत करते हुए निर्देश दिया कि शासन न्यास अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है ।

याचिकाकर्ता से साथ ही इस कार्रवाई में अपना पूर्ण योगदान करने की अपेक्षा की गई। जिससे विधि अनुसार कार्यवाही की जा सके।
शासन की ओर से महाअधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पक्ष रखा और साथ में विवेक तिवारी अतिरिक्त महाधिवक्ता और चंद्रेश श्रीवास्तव उपमहाधिवक्ता उपस्थित रहे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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