बिलासपुर-भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने बुधवार को बिलासपुर रेंज के आईजी कार्यालय पहुंचकर नगर पालिका रतनपुर अध्यक्ष के खिलाफ की गई एफआईआर को राजनीतिक द्वेष बताया है । भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कहा कि कोविड-19 गरीबों की सेवा करना जनप्रतिनिधियों का नैतिक दायित्व है। घनश्याम रात्रे भी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे। नगर पालिका कार्यालय में चावल सबकी जानकारी में रखा था। मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने दबाव पूर्वक घनश्याम रात्रे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया। ऐसा किया जाना जनप्रतिनिधियों के खिलाफ है ।मामले में गंभीर जांच की जरूरत है। CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने यहाँ क्लिक कीजिये
घनश्याम रात्रे के खिलाफ की गयी पुलिस FIR और राजनीतिक दबाव के चलते हुई जांच के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आईजी से मुलाकात की।IG को छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल, सांसद अरुण साव, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र, मस्तूरी विधायक डॉ कृष्णमूर्ति बांधी, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, छत्तीसगढ़ महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडे ने आईजी को बताया कि कोरोना महामारी के संकट में अध्यक्ष घनश्याम रात्रे ने रतनपुर के गरीब जनता को मुफ्त अनाज वितरण किया।
इसकी जानकरी नगर पालिका कार्यालय के आवक – जावक रजिस्टर में विधिवत दर्ज है ।लेकिन रतनपुर थाना के अधिकारी ने राजनीतिक दबाव में जनकल्याण कार्य को अन्यथा लेते हुए पुलिस जॉच में लेकर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर लिया।बिना जांच पड़ताल के ऐसा किया जाना जनप्रतिनिधि के खिलाफ है। अनावश्यक रूप से परेशान कर अपमानित करने वाली कार्यवाही है। नेताओ ने आईजी को बताया कि कोरोना महामारी प्रोटोकॉल अंतर्गत गरीब आमजनता को रोजगार अनुपलब्ध होने से भूख और बीमारी से बचाने के लिए पूरा शासन प्रशासन और नगरीय प्रशासन युद्ध स्तर पर लगे हुए है।
नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे भी इसी पवित्र भावना के साथ गरीब जनता को उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे थे। ऐसी स्थिति में उनके खिलाफ बिना किसी आधार और तथ्यहीन सबूतों को संकलित कर अपराध पंजीबद्ध किया गया । इसलिए मामले को निरस्त किये जाने की जरूरत है। राजनैतिक विद्वेश वश ऐसी कठोर कार्यवाही किसी भी विधिवत् निर्वाचित जनप्रतिनिधि के लोकतांत्रिक अधिकारों पर कुठाराघात है। निश्चितरूप ऐसा किया जाना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए हानिकारक और जनता के साथ जनप्रतिनिधि का अपमान है।
IG से मुलाकात के दौरान नेताओ ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच किया जाना बहुत जरूरी है। साथ ही जांच के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाए कि जांच कार्रवाई बिना किसी राजनीतिक दबाव में न हो।आईजी दीपांशु काबरा ने भाजपा नेताओं को आश्वासन दिया कि पूरे घटनाक्रम की उन्हें जानकारी है। एसडीएम जांच रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज किया गया है ।लेकिन जिन बिंदुओं को लेकर हम लोगों ने चर्चा की है उस को आधार मानते हुए एसडीओपी स्तर के अधिकारी से मामले की जांच कराएंगे। इसके बाद ही एफआईआर पर निर्णय लिया जाएगा। और दोषी के खिलाफ उचित कार्यवाही भी होगी।
राजनीतिक दबाव में भाजपा नेताओं पर एफआईआर
भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने आईजी को बताया कि मुंगेली में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन के दौरान स्थानीय भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है ।जबकि इसी तरह का धरना प्रदर्शन केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने ही किया था । बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया गया। कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई ।विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और अमर अग्रवाल ने बताया कि लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण बैठक करने का सभी को अधिकार है।
लेकिन मुंगेली पुलिस को सत्ताधारी पार्टी के अलावा किसी और का धरना प्रदर्शन बर्दास्त नही है। पुलिस ने राजनीतिक दबाव में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।जबकि कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ किसी प्रकार का एक्शन नहीं लिया गया। इस प्रकार की पुलिस कार्रवाई सर्वथा अनुचित है ।पुलिस प्रशासन को बताना होगा कि कौन सही और कौन सा गलत है।बातचीत के दौरान आईजी दीपांशु काबरा ने कहा कि एफआईआर की जानकारी उन्हें नहीं है ।आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा एफआईआर किया जाना ठीक नही है। प्रदर्शन तो होते रहते है।शिकायत को हम गंभीरता से लेते हुए पता लगाएंगे कि आखिर एफआईआर की वजह क्या है।