कल तक जो अंग्रेजों के सेवक थे..आज देशभक्त बन गए..कांग्रेसियों ने कहा.. राष्ट्रपिता ने दिया करो या मरो का मंत्र.. नम आंखों से शरीदों को किया याद

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-ज़िला शहर कांग्रेस कमेटी ने 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर कांग्रेस भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया। कांग्रेस नेताओं ने  महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सेनानियों के योगदान को याद भी किया। सेवादल कांग्रेस ने झंडारोहण कर अपनी लोकतांत्रिक भावनाओं को जाहिर किया। शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक ने झंडारोहण के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित किया। साथ ही सभी कांग्रेसियों ने कांग्रेस भवन से नेहरू चौक तक रैली निकाल कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति अपनी भावनाओं को जाहिर भी किया ।
 
                 कांग्रेस भवन कार्यालय में झण्डारोहण के बाद शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आव्हान पर अंतिम और सुखद परिणाम देने वाला आंदोलन था। अंग्रेज द्वितीय विश्वयुद्ध में प्रतिकूल स्थिति में फंस चुके थे। मित्र राष्ट हार के कगार पर थे। पराधीन राष्ट्रों में अंग्रेजो के प्रति आक्रोश भी बढ़ रहा था। भारत  अंग्रेजो की कोई शर्त मानने के लिये तैयार नही था। अंग्रेजो के पास देश छोड़ने के अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प भी नही था।
 
              महापौर रामशरण यादव ने कहा कि अंग्रेज तत्कालीन स्थिति को संभालने और भारतीयों के सहयोग पाने के लिये क्रिप्स मिशन भेजे।  सुरक्षा और जनरल गवर्नर को वीटो का अधिकार को अंग्रेज अपने पास रखना चाहते थे। लेकिन भारतीयों ने क्रिप्स मिशन की शर्तों को एक सिरे से खारिज कर दिया। इसी समय तय हो गया कि अंग्रेजो को भारत छोड़ना ही होगा।
 
                           प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय ने कहा कि कांग्रेस के 14 जुलाई के अधिवेशन में अंग्रेजो भारत छोड़ो का प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव को  8 अगस्त बम्बई अधिवेशन में पारित किया गया। राष्ट्रपिता ने करो या मरो का नारा दिया। आंदोलन के दूसरे ही दिन प्रथम पंक्ति के सभी नेता गिरफ्तार कर लिए गए। आंदोलन का नेतृत्व आसफ अली ,जय प्रकाश नारायण ने किया।
 
        पूर्व शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर ने बताया कि भारत छोड़ो आंदोलन ने देश के उन लोगो को चिन्हित किया ,जो अब तक अंग्रेजो के गुप्त मददगार थे। अब खुलकर अंग्रेजो के लिए काम करने लगे।  अंग्रेजो के लिए सैनिको की भर्ती कर रहे थे। आज वही लोग सबसे बड़े देशभक्त बन गए हैं।
 
                      सेवादल प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अशोक शुक्ला ने बताया कि भारत छोड़ो आंदोलन ,अगस्त क्रांति  और क्रांति दिवस के नाम से भी जाना जाता है। क्रांति के  ,ठीक सत्रह वर्ष पहले 9 अगस्त को राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी दी गयी थी। उनकी याद को अक्षुण्ण रखने के लिए 9 ही अगस्त को चुना गया था।
 
               कार्यक्रम में शिवा मिश्रा डॉ बद्री यादव,,विनोद साहू, एस एल रात्रे, चन्द्र प्रदीप बाजपेयी,शंकर सिंह परिहार,सुभाष ठाकुर,ब्रजेश मिश्रा, ए एस कुरैशी,सीताराम जायसवाल,अजय यादव,साई भास्कर,मोती कुर्रे,वीरेंद्र सारथी,रीता मजूमदार,अफरोज खान,राजेश शर्मा,राजेन्द्र सारथी,नीलेश मंडवार,सुदेश नन्दिनी,सुदेश दुबे,करम गोरख,अतहर खान,मनीष श्रीवास,कमलेश लावहतरे,सुजीत मिश्रा,सुभाष सराफ,त्रिभुवन साहू,गणेश रजक,कमल डूसेजा,पवन वर्मा,अन्नपूर्णा ध्रुव,लता,संध्या सूर्यवंशी,हेमलता साहू,पूजा प्रजापति,उत्तरा सक्सेना,शमशाद बेगम,संगीता बंजारे, उषा मार्टिन,शबनम बानो, विजय लता,किरण पाल,प्रीति प्रजापति,प्रीति प्रधान,रजनी परिहार,कमल देवांगन,मोह अंसारी,मोह अयूब ,मुकेश धमकाए,संजय कुमार आदि उपस्थित थे।
 
            कार्यक्रम के अंत मे शहर प्रवक्ता ऋषि पांडेय की माता पार्वती देवी पांडेय के असमायिक निधन पर सभी कांग्रेसियों ने दो मिनट के मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय ने किया।
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