रुद्र अवस्थी।पिछले कुछ अरसे से चुनावों की चर्चा बड़ी जोर से चल रही है और अब नतीज़ों का इंतजार हो रहा है । दिलचस्प बात यह है कि ये चुनाव अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रदेश और पड़ोस के स्तर पर हो रहे हैं । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जहां अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा रही । वहीं राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में चुनाव हो रहे हैं । पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी एक साथ 28 सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं । साथ ही अपने छत्तीसगढ़ में मरवाही विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोट पड़ चुके हैं । सभी चुनाव के नीज़ों का बेसब्री से इंतजार हो रहा है । हालांकि हर एक चुनाव अपने-अपने स्तर पर छोटे -बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़े होते हैं । लेकिन इस समय हो रहे चुनावों के साथ दिग्गज़ों की प्रति,टा जुड़ी हुई है। नतीजे आएंगे तो पत़ा लगेगा कि किसने मैदान मार लिया और अब आने वाले समय में किसका दबदबा रहेगा । हाल के दिनों में हुए करीब सभी चुनाव की इसीलिए अपनी-अपनी जगह पर बड़ी अहमियत है । वैसे बिहार चुनाव ,मध्यप्रदेश के उपचुनाव और मरवाही सीट के लिए 10 नवंबर को वोटो की गिनती के साथ सामने आ जाएंगे तब तक केवल क़यास ही लगाए जा सकते हैं ।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने यहां क्लिक कीजिए व रहे देश प्रदेश की खबरों से अपडेट
मरवाही का गणित…
छत्तीसगढ़ के मरवाही विधानसभा सीट के चुनाव में 77 फ़ीसदी मतदाताओं ने वोट़ डाले हैं । उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोट़िंग मशीन में कैद हो चुक़ी है । नतीजे आने से पहले कयास भी लगाया जा रहे हैं और सभी तरफ से जीत की दावेदारी भी की जा रही है । ऐसा सभी चुनावों में होता है । वोटिंग और काउंटिंग के बीच के दिन गणित के होते हैं । सभी का अपना केलकुलेटर होता है और यह केलकुलेटर सभी को अपने अपने इच्छा के अनुसार रिजल्ट बताता रहता है । मरवाही चुनाव के नतीजे में दिलचस्पी रखने वालों की सामने भी अभी कुछ वैसी ही हालत है । प्रदेश में सरकार चाल चला रही कांग्रेस पार्टी के दिग्गज भी कम से कम 30 हज़ार वोटों के अंतर से चुनाव़ में जीत का दावा कर रहे हैं । दूसरी तरफ भाजपा को लग रहा है कि इस बार मरवाही में जीत दर्ज करेगी । मुकाबले में सीधे सामने रहे इन दो किलाड़ियों के अलावा मैदान से बाहर रहकर भी जोगी ख़ेमा इस उम्मीद में जीत दावा कर रहा कि चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा । सीन कुछ ऐसा नजर आ रहा है जैसा 2018 के विधानसभा चुनाव के समय था । तब भाजपा को लग रहा था कि कांग्रेस से अलग हुए जोगी कांग्रेस की वजह से कांग्रेस को ही नुकसान होगा और भाजपा आसानी से चुनाव ज़ीत लेगी । लेकिन चुनवा के नतीज़े क्या रहे , यह सभी के सामने है। इस बार भाजपा और जोगी कांग्रेस के जोड़ –गुणा- भाग का हासिल क्या निकलने वाला है….. इस पर सभी की नज़र लगी हुई है।
हाईकोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई दीवाली के बाद
खबर है कि बिलासपुर हाई कोर्ट में 17 नवंबर के बाद नियमित रूप से प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू हो जाएगी । दीपावली की छुट्टी के बाद हाई कोर्ट में तीन डबल बेंच और 12 सिंगल बेंच गठित किए गए हैं । इसी दिन से जिला और सत्र न्यायलय के साथ ही दूसरे अधीनस्थ न्यायालयों में भी काम काज शुरू हो रहा है । हाई कोर्ट में केस नंबर के हिसाब से जमानत के मामले ऑड – ईवन फार्मूले से सुने ज़ाएंगे । अर्जेंट सुनवाई के लिए मेसनिंग की स्लिप रजिस्टार जनरल को दी जाएगी। जो उचित बेंच में केस को प्रेषित करेंगे । कोरोना काल में ल़ाकडाउन वजह से जरुरी मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही थी। लेकिन सासान्य रूप से कामकाज नहीं हो पा रहा था । लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होती जा रही है । जिससे हाई कोर्ट में प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू हो सक़ेगी ।
पीएससी प्रारंभिक परीक्षा की फ़िर से जाँच
बिलासपुर हाई कोर्ट ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 के प्रारंभिक परीक्षा की फिर से जांच करने के आदेश दिए हैं । साथ ही नया रिजल्ट जारी होने के बाद ही मुख्य परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा है । हाई कोर्ट ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 के प्रारंभिक परीक्षा में त्रुटियों को लेकर पेश की गई याचिका की सुनवाई के बाद फैसला दिया है । कोर्ट ने मामले में फ़ैसला सुरक्षित रखा था । जिस पर हाई कोर्ट की एकल खंड पीठ ने अपना फैसला सुना दिया । कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए राज्यसेवा की प्रारम्भिक परीक्षा में पूछे गए सवाल क्रमांक 2, 76 और 99 को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर जांच का आदेश दिया है। हाईकोर्ट की एकल बेन्च ने जांच के बाद पीएससी को नवीन मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट में जांच की प्रक्रिया 3 महीने के अंदर पूरी करने के लिए भी कहां है और इसके बाद मुख्य परीक्षा की कराने के निर्देश दिए हैं ।
किडनैप के मामलों मे पुलिस की मुस्तैदी
पिछले हफ्ते बिलासपुर पुलिस ने अपहरण के दो मामलों में तत्परता दिखाते हुए न सिर्फ़ किडनैप़ किए गए लोगों को बचाया बल्कि इस मामले के आरोपियों को भी धर दबोचा । इसे बिलासपुर पुलिस की बड़ी कामयाबी के रुप में देख़ा जा रहा है । जांजगीर जिलें में हुए मासूम बच्चे के अपहरण के बाद किडनैपर ने पांच लाख रुपए की फ़िरौती मांगी थी । पुलिस के साइबर सेल ने मोबाइल लोकेशन के जरिए सब कुछ पता लगाकर बच्चे को मस्तूरी इलाक़े के एक सूने मक़ान से बरामद कर लिया । साथ ही फिरौती मांगने वाले आरोपी को भी पकड़ लिया । इसी तरह बिल्हा इलाके में भी एक व्यक्ति को किडनेप करने के बाद पचास हजार रुपए की फिरौती मांग रहे सात आरोपी घटना के सिर्फ 2 घंटे के भीतर पकड़ लिए गए। हालांकि ऐसी घटनाएं चिंता जनक हैं । छत्तीसगढ़ के इस इलाके में इस तरह के सुनियोजित अपराध और खासकर किडनैप और फिरौती मांगने के मामले अब तक कम ही नजर आते रहे हैं । लेकिन अब इस तरह की घटनाएं भी सुनने को मिल रही है । अच्छी खबर यह है कि पुलिस ऐसे मामलों को तह तक जाने में पूरी तत्परता दिखा रही है । यह तत्परता यम रही तो आने वाले दिनों में इस तरह के मामलों को रोकने में भी बड़ी मदद मिल सकती है।
पूर्व विधायक के ख़िलाफ़ याचिका
इस हफ्ते तखतपुर के पूर्व विधायक और पूर्व संसदीय सचिव राज़ू सिंह क्षत्री के खिलाफ हाई कोर्ट में पेश अपराधिक याचिका की भी चर्चा रही । उन पर विधानसभा चुनाव 2018 में बेलतरा विधानसभा से टिकट दिलाने के नाम पर 33 लाख़ रुपया लेने का आरोप है । याचिका कर्ता ने हाई कोर्ट में निवेदन किया है कि पुलिस थाना , एस पी और आईजी को शिकायत देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होने की वज़ह से याचिका पेश की गई है। उन्होने पूर्व विधायक और उनके साथियों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है । अपनी याचिका में उन्होंने यह ब्यौरा भी दिया है कि टिकट के नाम पर उन्होंने पूर्व विधायक को कब -कब और कहां पर अलग-अलग किश्तों में 33 लाख़ रुपए दिए । इस मामले में विधायक का पक्ष सामने नहीं आ सका है । हाई कोर्ट की सुनवाई के दौरान ही सचाई सामने आ सकेगी और अब अदालत ही फैसला करेगी कि इस मामले की वास्तविकता क्या है।।