बिलासपुर। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सेंट्रल जेल में बंद कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जानकारी दी गई है कि 170 कैदियों को चिन्हांकित किया गया है। जिसमें से प्रथम चरण में 32 कैदियों को पैरोल में रिहा करने का आदेश पारित किया गया है। यह समाचार लिखे जाने तक 8 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव बृजेश राय ने जानकारी दी है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए पुनरीक्षण याचिका इन-री कंटेनर ऑफ कोविड-19 वायरस इन प्रिजनस में पारित आदेश के तहत गठित हाई पावर कमेटी द्वारा अंतरिम जमानत पर 90 दिन रिहा किए जाने हेतु आदेश दिए गए हैं। जिसके तारतम्य में विचाराधीन बंदियों की रिहाई के लिए मापदंड तय किए गए हैं । जिसमें ऐसे कैदी जो सिविल कारावास भुगत रहे हैं। ऐसे विचाराधीन बंदी जो ऐसे अपराध के लिए विचारण का सामना कर रहे हैं ,जो 7 वर्ष या उससे कम अवधि के कारावास से दंडनीय है। जहां वे 15 दिन या उससे अधिक अवधि से अभिरक्षा में हो। विचाराधीन बंदी / रिमांड बंदी ,जिनके संबंध में अभी भी अभियोग पत्र पेश किया जाना है। जो 15 दिन या उससे अधिक अवधि से अभिरक्षा में होकर ऐसे अपराध के लिए विचारण का सामना कर रहे हैं ,जो 7 वर्ष या उससे कम अवधि के कारावास से दंडित हैं। विचाराधीन बंदी जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं। जो 3 माह या उससे अधिक अवधि से अभिरक्षा में होकर ऐसे अपराध के लिए विचारण का सामना करना कर रहे हैं ,जो 10 वर्ष तक की अवधि के कारावास के दंडनीय है। विचाराधीन बंदी जो धारा 304 के अपराध के लिए विचारण का सामना कर रहे हैं और अभिरक्षा में 6 माह से अधिक समय से अन्य किसी अपराध में उसकी सहभागिता के बिना हो। इसी तरह अन्य मापदंड भी तय किए गए हैं।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा कुल 170 बंदियों को चिन्हित किया गया है त। आज प्रथम चरण में 32 चिन्हांकित कैदियों को पैरोल पर रिहा करने का आदेश पारित किया गया।