बिलासपुर— 24 घंटे पहले रेल के नीचे आकर मरने वाले युवक की पहचान हो गयी है। मरने वाला युवक तखतपुर स्थित महुआभाठा का रहने वाला है। पुलिस कार्रवाई से बचने युवक ने मालगाड़ी के नीचे आकर आत्महत्या किया है। युवक का नाम रवि साहू है।
उस्लापुर जीआरपी ने बताया कि गुरूवार की सुबह करीब 8 बजकर 33 मिनट पर कटनी छोर पर प्लेटफार्म से कुछ दूरी पर युवक की मौत मालगाड़ी के चपेट में आने से हुई। जानकारी के बाद शव को बिलासपुर जीआरपी के हवाले किया गया। युवक की जेब में तीन ब्लेट के अलावा आधार कार्ड समेत कुछ कागज मिला है।
जीआरपी से मिली जानकारी के अनुसार युवक की पहचान काफी पड़ताल के बाद हुई। युवक तखतपुर स्थित महुआभाठा का रहने वाला है। पहचान के बाद शुक्रवार की सुबह मृतक के परिजनों को बुलाया गया है। जरूरी कार्रवाई के बाद शव को पीड़ित परिवार के हवाले किया जाएगा।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक युवक का नाम रवि साहू उम्र 19 साल है। डीपूपारा में अपने जीजा और दीदी के साथ रहकर कामधाम में सहयोग करता था। इसी दौरान युवक की एक लड़की से प्यार हो गया। जीजा और दीदी ने रवि साहू को इस प्रकार के मामले से दूर रहने को कहा। बावजूद इसके दोनों का मिलना जुलना चलता रहा।
मृतक की बहन ने बताया कि इसी दौरान लड़की ने युवक को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। काफी प्रयास के बाद दोनों एक दूसरे से दूर हुए। इसके बाद युवक लड़की से बचने अपने गांव महुआभाठा चला गया। करीब तीन महीने बाद तीन पहले लड़की ने रवि साहू को फोन किया। इस बीच जानकारी मिली कि दोनो गायब हो गए है। दोनों तरफ से लड़की और लड़के की खोजबीन शुरू हुई। लड़की को जंगल में बेहोश अवस्था में पाया गया। उसके हाथ में ब्लेड से जख्म होना पाया गया। आनन फानन में लड़की को सिम्स में भर्ती कराया गया। लड़की ने अपने बयान में आरोपी रवि साहू को बताया। मामला दर्ज होने के बाद युवक को पुलिस तलाश रही थी।
शुक्रवार की सुबह रवि साहू के जीजा और बहन को जानकारी मिली कि उस्लापुर में मालगाड़ी के नीचे आने से एक युवक की मौत हो गयी है। खबर मिलते ही रवि साहू जीआरपी धाना बिलासपुर स्टेशन पहुंचा। जीजा ने शव की पहचान रवि साहू के रूप में की है। जीआरपी प्रभारी ने बताया कि मालगाड़ी के पहिए के सम्पर्क में आने से युवक कमर पूरी तरह से टूट गयी है।
जीआरपी के अनुसार मृतक की जेब में कुछ कागज आधार कार्ड और तीन ब्लैड मिले हैं। कयास लगाया जा रहा है कि युवक पुलिस और बदनामी से बचने के लिए मालगाड़ी के नीचे आकर आत्महत्या किया है। पहचान नहीं होने के कारण लावारिश शव को वारिस मिलने में 24 घंटा लगा है।