रायपुर।गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कलेक्टर कॉन्फ़्रेन्स प्रारम्भ हुई।कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रास रूट पर basic administration पर अधिकतम ध्यान केंद्रित करने पर ज़ोर दिया।उन्होंने कहा कि मंत्रालय से लिए गए निर्णय को धरातल पर पहुँचाने का बीड़ा ज़िला प्रशासन पर है। इसकी समीक्षा आँकड़ों से नहीं, छत्तीसगढ़ के नागरिकों को इन योजनाओं से पहुँचे प्रत्यक्ष लाभ से performance का आँकलन किया जाएगा।सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि – राजस्व प्रशासन के कार्य सीधे तौर पर किसानों, आम नागरिकों से जुड़े हुए हैं। ज़िला प्रशासन इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दे।शासन और प्रशासन के मध्य परस्पसर संवाद आवश्यक है, इसीलिए आज हम सब यहाँ एक परिवार की भाँति उपस्थित हैं। कोविड महामारी में प्रशासन ने बहुत बेहतर ढंग से कार्य किया है। आज छतीसगढ़ की अभिनव परियोजनाओं के कारण छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि – क़ानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी जिला दंडाधिकारी की है। जिला दंडाधिकारी को टीम लीडर के रूप में कार्य करना है।उन्होंने कहा कि क़ानून व्यवस्था की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रहे अफ़वाह और दुष्प्रचार का कठोरता से खंडन ज़रूरी है।
ज़िला दंडाधिकारी साप्ताहिक समीक्षा बैठक के पूर्व पुलिस अधीक्षक, कार्यपालिक दंडाधिकारियों के साथ क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा करें। इस बैठक में पिछले सप्ताह की स्थिति की समीक्षा की जाए और आने वाले सप्ताह में क़ानून-व्यवस्था की स्थितियों का पूर्वानुमान लगाएं और रणनीतिक योजनायें बनायें। शासन प्रशासन की पैठ स्थापित होनी चाहिए।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने क़ानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रशासन की सजगता से ही क़ानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो सकती है। संचार क्रांति के दौर में एक स्थान की घटना का असर पूरे प्रदेश और देश में होता है, इसलिए ज़िम्मेदारी बहुत अधिक है।
छत्तीसगढ़ शांति का टापू है, क़ानून व्यवस्था को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।सोशल मीडिया पर उचित पर्यवेक्षण ज़रूरी है। सूचना ही शक्ति है, ज़िला प्रशासन का सूचना तंत्र सुदृढ़ किया जाना ज़रूरी है। ग़लत तथ्यों का खंडन करें, अफ़वाह न फैलने दें।
प्रशासन का इकबाल होना चाहिए। विरोध प्रदर्शन से मुझे परहेज़ नहीं है लेकिन योजनाबद्ध रूप से माहौल बिगाड़ने की साज़िश को सफल नहीं होने दिया जाना है। ज़िले का आसूचना तंत्र विकसित करें। हर हाल में सौहार्द्र का वातावरण बना रहना चाहिए। सांप्रदायिक सद्भाव छत्तीसगढ़ी संस्कृति की पहचान है, किसी भी व्यक्ति या संस्था को इसे बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हर स्थिति में राजस्व प्रकरणों का सिटिज़न चार्टर में निर्धारित समय सीमा में निराकरण होना ही चाहिए। यह राजस्व अधिकारियों का मूल कार्य है। अविवादित नामांतरण, खाता विभाजन जैसे सरल कार्य तत्काल किए जायें। सभी प्रकरणों का पंजीयन अनिवार्य रूप से हो। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय करें। जाति प्रमाण पत्र के कार्यों को पूर्ण करने के लिए विशेष अभियान चला कर कैम्प लगाए जायें। इस कार्य को समय सीमा में पूर्ण करने हेतु राजस्व विभाग एवं ज़िला प्रशासन तत्काल कार्यवाही करें।
आबादी भूमि के फ़्री होल्ड हेतु कलेक्टर विशेष ध्यान दें, यह शासन का महत्वपूर्ण निर्णय है। इसका क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हो। राजस्व प्रशासन से संबंधित शासन स्तर पर लंबित विषयों की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर की जाए। समय सीमा का निर्धारण प्रत्येक स्तर पर निर्धारित किया जाए। नए अतिक्रमण पर प्रभावी रोकथाम लगाने सभी राजस्व अधिकारी कार्ययोजना बनायें। विधि अनुसार अतिक्रमण व्यवस्थापन की कार्यवाही में तेज़ी लाकर नागरिकों को मालिकाना हक़ दिलाने के साथ साथ शासन के राजस्व में वृद्धि हेतु गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है।
राजस्व वृद्धि हेतु भू-संसाधनों के उपयोग हेतु कलेक्टर समय सीमा में कार्यवाही पूर्ण करें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि शहरीकरण के बढ़ते दबाव और शहरों में उपलब्ध सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए अर्थव्यवस्था का विकेंद्रीकरण किया जाना आवश्यक है। सरकार लगातार ग्राम स्तर पर विश्व स्तरीय आधारभूत अधोसंरचना, बेहतर स्कूल शिक्षा और आजीविका के नए साधन सृजित करने हेतु संकल्पित है। अब इस दिशा में आगे बढ़ना है इसलिए कलेक्टर ग्रामीण औद्योगिक पार्क बनाने हेतु कमर कस लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठान तेज़ी से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु बन रहे हैं। प्रथम चरण में छह हज़ार से अधिक गोठानों के निर्माण पर युद्ध स्तर पर काम किया गया। द्वितीय चरण में इनके संचालन, संधारण हेतु प्रभावी कार्ययोजना बना कर हज़ार गोठानों को स्वालंबी बनाए जाने का कार्य किया गया। तृतीय चरण में गोठानों को केंद्र बिंदु रख कर ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित किया जाना शासन का महत्वकांक्षी लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हमें टीम भावना से कार्य करते हुए ग्रामवासियों में उद्यमिता की भावना विकसित करने का कार्य करना है। यह आजीविका के नए साधन सृजन किए जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
रोका छेका अभियान एक जन आंदोलन के रूप में स्थापित हुआ है। कलेक्टर यह सुनिश्चित करें रोका छेका अभियान केवल धान कटाई तक सीमित न रहे, उतेरा के चक्र पूर्ण होते तक यह सतत रूप से चलता रहे।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत अन्य फसलों को शामिल किए जाने के शासन के निर्णय के आलोक में इसके प्रचार-प्रसार और किसानों को इस हेतु प्रोत्साहित करने हेतु कलेक्टर कृषि विभाग के समन्वय से व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य करें। कलेक्टर क्लस्टर चिन्हांकित कर एक-एक विकासखंड में पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में अन्य फसलों को प्रोत्साहित करने प्रभावी कदम उठायें।
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना छत्तीसगढ़ शासन की विशिष्ट परियोजना है। यह देश में अपने तरह की पहली योजना है। इस योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था तेज होगी। इस योजना अंतर्गत अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों, इसके लिए ग्राम स्तर पर वृहद् प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है। कलेक्टर इसके लिए जिला स्तर से पंचायत वार टीम बना कर मिशन मोड पर काम करें।