पं. Pradeep Mishra के नाम पर लोगों से ऑनलाइन धोखाधड़ी, क्‍यूआर कोड पर मंगवा रहे पैसे

Shri Mi
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News : जाने-माने कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा पिछले काफी समय से सुर्खियों में बने हुए हैं। लोगों का पंडित जी पर काफी ज्यादा विश्वास बन गया है। ऐसे में उनके द्वारा कही गई हर बात लोग मान लेते हैं। वह कुछ उपाय भी बताते हैं तो लोग उसे जरूर करते हैं। ऐसे में लोगों का उनके प्रति इतना ज्यादा विश्वास बढ़ गया है कि अब उनके नाम से लोगों के साथ धोखाधड़ी शुरू हो गई है और इसका अंदाज़ा भी लोगों को नहीं है।

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लोग प्रदीप जी का समझ कर ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। दरअसल हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें बताया जा रहा है कि पंडित प्रदीप मिश्रा के नाम पर कई लोगों से ऑनलाइन ठगी की गई है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मंडी थाने में इसकी शिकायत करवाई गई। उसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच पड़ताल की और दो आरोपितों को अपनी गिरफ्त में लिया।

जानकारी के मुताबिक, श्रद्धालुओं से पं. प्रदीप मिश्रा के नाम पर किताबें और रुद्राक्ष खरीदने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी की जा रही है और पैसे वसूले जा रहे हैं। दरअसल प्रदीप मिश्रा के नाम के एक क्यूआर कोड की हेराफेरी की जा रही है जिसके द्वारा लोगों के साथ ठगी हुई है। 5 जनवरी के दिन श्री विट्ठलेश सेवा समिति के सदस्य समीर शुक्ला ने मंडी थाने से दो आरोपितों की शिकायत पुलिस थाने में की।

उन्होंने बताया कि आरोपित पंडित जी द्वारा लिखित किताब और रुद्राक्ष मंगाने के लिए 500-500 रुपए भक्तों से एकत्रित कर रहा है। जब यह राशि समिति के बैंक खाते में नहीं आई तो उसने व्हाट्सएप ग्रुप पर दिए गए मोबाइल नंबर पर बातचीत की। जिसके बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। आरोप है कि फर्जी आइडी के जरिए लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपितों की तलाश कर उन्हें गिरफ्तार किया।इस मामले को लेकर सीहोर मंडी थाना प्रभारी हरि सिंह परमार ने बताया है कि पंडित प्रदीप मिश्रा के नाम पर जब धोखाधड़ी का मामला सामने आया तो सीहोर की मंडी पुलिस ने विकास विश्नोई के खिलाफ 420 धारा के तहत केस दर्ज किया। इसके अलावा मदनलाल जो राजस्थान का रहने वाला है उसे भी गिरफ्तार किया गया। दरअसल यह दोनों आरोपित पंडित प्रदीप मिश्रा के नाम से फर्जी वेबसाइट और व्हाट्सएप ग्रुप चला रहे थे। इस पर भक्तों को जोड़ उनसे किताब और रुद्राक्ष बेचने के नाम पर क्यूआर कोड से 500-500 रुपए जमा करवा रहे थे। दरअसल, लोगों का पंडित प्रदीप मिश्रा पर विश्वास इतना ज्यादा है कि वह इस धोखाधड़ी के झांसे में आ गए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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