बिलासपुर—-बुधवार को हंगामेदार नगर निगम बजट सामान्य सभा में पक्ष विपक्ष दोनो ने सवाल दागा। इस दौरान लिंगियाडीह पार्षद विजय केशरवानी ने एसईसीएल सम्पत्तिकर और सीएसआर का मुद्दा उठाया। मेयर ने बताया कि आरटीआई के माध्यम से जानकारी मिली कि एसईसीएल से जितना राजस्व मिलना चाहिए निगम को हासिल नहीं है। छत्तीसगढ़ को सर्वाधिक कम यानि नाम मात्र का सीएसआर मद से लाभ मिलता है।
बुधवार को बजट सामान्य सभा के दौरान लिंगियाडीह पार्षद,एमआईसी मेम्बर विजय केशरवानी ने SECL से लगे वार्ड मे विकास में सहयोग नही किए जाने का मुद्दा उठाया। विजय ने सवाल करने के साथ बताया कि नगर निगम से जानना चाहता हूं कि SECL के भवनो , भूमि संपत्तिकर और बनाए गये भवन का नक़्शा पास करने का अधिकार किसके पास है। क्या यह अधिकार नगर निगम के पास है तो बताया जाए कि SECL ने अब तक निगम को कितना संपत्तिकर पटाया। कितने भवन का नक़्शा पास कराया है । अभी तक कितनी भवन अनुज्ञा प्रदान की गयी है।
मेयर रामशरण ने विजय केशरवानी के सवाल का जवाब दिया। उन्होने बताया कि निश्चित रूप से एसईसीएल का ना केवल निगम बल्कि प्रदेश के साथ उचित सहयोग नहीं मिला है। आरटीआई के माध्यम से जानकारी मिलि है कि देश में एसईसीएल के सीएसआर मद से सर्वाधिक कम सहयोग छत्तीसगढ़ राज्य को मिलता है। जबकि देश के अन्य राज्यों को सीएसआर मद से सर्वाधिक राशि का भुगतान होता है।
मेयर ने बताया कि एसईसीएल कार्यालय निगम क्षेत्र में है। सम्पत्ति कर समेत अन्य अनुज्ञा की जिम्मेदारी निगम प्रशासन के पास है। मतलब एसईसीएल को निर्माण के पहले ना केवल भवन अनुज्ञा लेना होगा। बल्कि सम्पत्तिकर संबधित सारी जिम्मेदारी निगम के पास है। सारी जानकारी के बाद बताया लिखित में बताया जाएगा कि अब तक कब अनुज्ञा दिया गया। कितना संपत्तिकर हासिल हुआ है।
केशरवानी ने सामान्य सभा को बताया कि SECL कार्यालय और बसंत बिहार समेत कोल इंडिया की कालोनी वार्ड को कचरा डम्प जोन बना दिया है। कालोनियों का का गंदा पानी. कचरा लिंगियाडीह समेत लगे हुए अनेक वार्ड में आता है। जिससे आम जनता का सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ है। जबकी SECL ने अब तक लिंग्याडीह वार्ड को विकास के नाम पर “गोद लेने के बाद भी एक धेला तक खऱ्च नहीं किया है।
विजय ने बताया कि नगर निगम ने वार्ड के विकास के लिए प्रस्ताव बनाकर भी भेजा हे। बावजूद इसके SECL ने ना केवल प्रस्ताव को उपेक्षित किया है। बल्कि कालोनियों का गंदा पानी और कचरा वार्ड में डम्प कर रहा है। जिसके चलते निगम का विकास कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
केशरवानी ने मेय़र से मांग किया कि नगर निगम क्षेत्र में एसईसीएल के समस्त भवनो और जमीन का परीक्षण किया जाए। नए सिरे से सम्पतिकर और बिना नक्शा पास कर बनाये गये भवनो पर कार्रवाई कर टैक्स वसूली अभियान चलाया जाएगा। पैसे का उपयोग वार्ड के विकास पर किया जाए।