बिलासपुर रेल्वे ने बनाई ऑटोमेटिक इन्सपेक्शन कार

Chief Editor
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rail demuबेकार पड़े  डेमू इंजन को रिनोवेट कर नई पहचान दी कोचिंग डिपो ने

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  बिलासपुर । बढ़ती हुई रेल ट्रैफिक और भारी ट्रैक संरचना के कारण रेल लाईनों का मरम्मत और रखरखाव के साथ ही साथ समय-समय पर उच्चाधिकारियों के द्वारा निरीक्षण की भी आवश्यकता बहुत अधिक बढ़ गई है। साथ ही साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना अथवा ब्रेकडाउन जिसमें की रेल परिचालन में बाधा उत्पन्न होती है, की जगह में जल्द से जल्द पहुंचकर सुधार कार्य में गति लाना भी अपने आप में एक चुनौती है।

इसी कड़ी में निरीक्षण एवं किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में जल्द से जल्द प्रभावित जगहों में पहूंचने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में एक इनोवेशन के रुप में अपनी लाईफ समाप्त कर रेल परिचालन से अलग खड़े एक डेमू इंजन को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर स्थित कोचिंग डिपों में नवीनीकृत करके स्वचालित निरीक्षण कार के रुप में विकसित किया गया है।
गुरूवार  को बिलासपुर स्टेशन स्थित सेलुन साईडिंग में प्रातः 10.30 बजे  सत्येन्द्र कुमार, महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कर कमलो द्वारा नवीनीकृत स्वयं चालित निरीक्षण कार का उद्वघाटन किया गया। इस स्वचालित निरीक्षण कार में निरीक्षण के दौरान बैठने के लिए 16 चेयर, एक इमरजेंसी रेस्ट रुम, जीपीएस से लैस, ट्रैक की स्थिति जानने के लिए दोनो छोर में कैमरे सहित ट्रेक की वीडियो रिकार्डिंग की सुविधा उपलब्ध है।
वर्तमान में किसी भी निरीक्षण के लिए निरीक्षण कार के अलावा एक इंजन की जरुरत पड़ती थी। ट्रेनों को खींचने वाले इंजन का इस्तेमाल निरीक्षण कार की एक बोगी को खींचने के लिए किये जाने से इंधन व दिशा बदलने पर इंजन की शंटिग में लगने वाले ज्यादा समय के साथ ही साथ इलेक्ट्रीफाइड एवं नान इलेक्ट्रीफाईड सेक्शनों के हिसाब से डीजल या इलेक्ट्रिकल इंजन की आवश्यकता भी अपने आप में एक समस्या थी।
इस स्वचालित निरीक्षण कार को चलाने हेतु दोनों तरफ चालक केबिन की व्यवस्था है अतः इसमें शंटिंग की किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है।
उद्वघाटन के पश्चात इसी स्वचालित निरीक्षण कार से महाप्रबंधक सहित विभागाध्यक्ष, मंडल रेल प्रबंधक, बिलासपुर एवं मुख्यालय के अधिकारीगण ब्रजराजनगर के लिए रवाना हुए। ब्रजराजनगर में महाप्रबंधक एवं अधिकारियों ने महानदी कोल फील्डस के अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक किये एवं वहां स्थित कोल साईडिंग का निरीक्षण किये तथा कोल लोडिंग में होने वाली समस्याओं को दूर करने हेतु आवश्यक निर्देश दिये।

रेल टिकट के लिए लगीं ऑटोमेटिक मशीनें

कम दूरी की यात्रा करने के लिए आटोमेटिक टिकट वेडिंग मशीन (।ज्टड) का उपयोग करते हुये रेल यात्री बडी आसानी से और कम समय में रेल टिकट प्राप्त कर रहे हैै। चाहे वह गंतव्य तक जाने के लिए हो या फिर वापसी टिकट ही क्यों न हों, दोनों ओर के टिकटों के लिये यह प्रणाली काफी लोग प्रिय होती जा रही है। यात्री स्वयं ही मशीन का उपयोग करते हुए ।ज्टड मशीन से बड़ी आसानी से टिकट प्राप्त करते हुए रेल यात्रा कर रहे है।

वर्तमान में आटोमेटिक टिकट मशीन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनों मंडलों (बिलासपुर, रायपुर व नागपुर) में कुल 16 मशीन लगाये जा चुकी है। जिसका रेल यात्रीगण भरपूर उपयोग कर रहे है। बिलासपुर मंडल में बिलासपुर स्टेशन पर 02 मशीने लगाई गई  हैं। इसके अलावा चांपा में एक, कोरबा में एक, रायगढ़ में एक, शहडोल में एक सहित कुल बिलासपुर मंडल में 6 मशीनें लगाई जा चुकी है।इसी प्रकार नागपुर मंडल के गोंदिया में दो, डोंगरगढ़ में एक, राजनंदगाॅव में एक सहित कुल नागपुर मंडल पर 4 मशीने लगायी गई है।रायपुर स्टेशन में तीन, भाटापारा, तिल्दा व दुर्ग में एक-एक मशीने लगाया जा चुका है। इस प्रकार रायपुर मंडल में अब तक 6 मशीने लगाये जा चुकी है।

                                  इस प्रकार बिलासपुर जोन के बिलासपुर मंडल में 6, रायपुर मंडल में 6 व नागपुर मंडल में 4 सहति कुल 16 आटोमेटिक टिकट मशीन लगायी जा चुकी है। इसके अलावा आटोमेटिक टिकट मशीन की संख्या में और वृध्दि की जायेगी। इसके अलावे आने वाले समय में नये प्रकार के मशीन लगाने की योजना है, इन मशीनों में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए क्वाईन (सिक्कों द्वारा) आॅपरेटेड व करेंसी (रूपये) आॅपरेटेड आटोमेटिक वेंडिग मशीन भी लगाये जायेगें, ताकि कोई भी यात्री सिक्के व रूपये डालकर रेल यात्रा टिकट आॅटोमेटिक टिकट मशीन से आसानी से प्राप्त कर सकें।

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