रायपुर।लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए महागठबंधन अस्तित्व में आएगा और कौन उसका नेतृत्व कौन करेंगे इसपर संशय बरकरार है. हालांकि रविवार को चेन्नई में डीएमके के पूर्व अध्यक्ष करुणानिधिके मूर्ति अनावरण के मौके पर महागठबंधन की पहली झलक आई.
इतना ही नहीं डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने तमिलनाडु की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश भी कर दिया. लेकिन इससे गठबंधन में शामिल होने वाली पार्टियां कितना इत्तेफाक इसका जवाब सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने दिया ह।
सीताराम येचुरी ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री कैंडिडेट बनाने पर कहा कि हर इंसान की अपनी राय होती है. हम लोगों ने अपने देश के इतिहास से बहुत कुछ सीखा है. केंद्र में वैकल्पिक सरकार बनाने वाला गठबंधन केवल चुनाव के बाद ही सामने आता है.
इसके साथ ही समाजवादी पार्टी, बीएसपी, तृणमूल और एनसीपी भी स्टालिन की घोषणा से सहमत दिखाई नहीं दे रहे हैं. कुछ दिन पहले फारुख अब्दुल्ला जैसे नेताओं की ओर से कहा गया था कि महागठबंधन में कोई एक चेहरा नहीं है. हम अपना चेहरा चुनावों के बाद तय कर लेंगे.
मतलब साफ है कि आज कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में महागठबंधन में शामिल होने वाली पार्टियां मंच पर तो जरूर पहुंची, लेकिन इसके नेतृत्व लेकर अभी भी आपसी सहमति नहीं बन पाई है.