3 सड़क वाला नगर पंचायत..विकास के नाम पर मजाक…जनता को निगम पसंद…नेताओं का विरोध…क्योंकि चलती है रेलवे की दादागिरी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— सिरगिट्टी में कुल जमा तीन सड़कें हैं। तीनों ही सड़कों की हालत गांव की सड़क से बदतर है। शायद सड़क नहीं होती तो पानी का निकलना मुश्किल हो जाता। आधी आबादी पर रेलवे की दादागिरी चलती है। सच्चाई तो यह है कि यहां प्रशासन की नहीं….बल्कि रेलवे का हुकुमत चलता है। पन्द्रह साल से नगर पंचायत की जनता को केवल और केवल दर्द मिला है। अब हम दर्द सहने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन साजिश कर जनता को उकसाया जा रहा है। इस अपराध में नगर पंचायत सिरगिट्टी की सीईओ भी शामिल हैं। भाजपा के इशारे पर केशरी इंगाले और उनका पति सिरगिट्टी की जनता की ईच्छाओं को दमन कर रहे हैं। हम हर हालत में नगर निगम में शामिल होना चाहते हैं। प्रशासन की निगम विस्तार के निर्णय का स्वागत भी करते हैं।

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अव्यवस्था की विरासत

                                         कांग्रेस नेता सोम पाण्डेय ने बताया कि सिरगिट्टी नगर पंचायत को बने पन्द्रह साल हो चुके हैं। आज की स्थिति में नगर पंचायत का स्वरूप ग्राम पंचायत से अधिक नहीं है। यदि कुछ अन्तर आया है तो नगर पंचायत अधिकारियों और नेताओं के जीवन स्तर में। जनता आज भी वहीं खड़ी है जहां पन्द्रह साल पहले खड़ी थी। विकास के नाम पर बजबजाती नालियां, जीर्णशिर्ण सडक और दिन रात बन्द रहने वाली स्ट्रीट लाइट के अलावा और भी बहुत समस्याओं को देखा जा सकता है। बावजूद इसके भाजपाई मानसिकता के लोग सिरगिट्टी को निगम में शामिल नहीं होने देना चाहते हैं।

                            सोम पाण्डेय ने बताया कि सिरगिट्टी को निगम मे शामिल किए जाने के बाद भाजपा नेताओं की रोजी रोटी बन्द हो जाएगी। पिछले पन्द्रह सालों में ऐसा कोई महीना या दिन नहीं होगा कि जनता अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय नहीं पहुंची हो। शिकायत भी ऐसी जिसका सम्बन्ध सीधे सीधे मौलिक जरूरतो से हैं। बावजूद इसके नगर पंचायत के अधिकारी और नेताओं ने समस्याओं को आज भी समस्या बनाकर रखा है।

रेलवे के खिलाफ आक्रोश

                      सोम,पूनम यादव, रवि साहू,रामकृष्ण ने बताया कि सिरगि्टी नगर पंचायत का बहुत बड़ा हिस्सा रेलवे क्षेत्र में आता है। मजाल है कि आज तक रेलवे ने सिरगिट्टी जनता को कोई सुविधा दी हो। यदि रेलवे प्रशासन ने सुविधाएं दी भी होगी तो भाजपा नेताओं को ही मिला है। क्योंकि जनता को रेलवे ने आज तक केवल दर्द ही दर्द दिया है। उसकी दादागिरी से आम नागरिक परेशान है। 27 हजार लोग खून के आंसू रो रहे हैं। सुनकर अच्छा लगता है कि सिरगिट्टी नगर पंचायत है। लेकिन इसकी हालत किसी अति पिछड़े बड़े गांव से अधिक नहीं है। यहां के नेता और अधिकारी शासन के बजट का बंदरबांट कर कागजों में विकास कार्य को प्रदर्शित करते हैं।

पन्द्रह साल और तीन सड़क

        सोम,पूनम समेत अन्य लोगों ने बताया कि सिरगिट्टी में पिछले पन्द्रह सालों में मात्र तीन सड़के हैं। पहले यहां कच्ची सड़क हुआ करती थी। बाद में पक्की बनायी गयी। इसके बाद एक भीी सड़क का निर्माण नहीं किया गया। जो सड़क है..वह भी काफी जर्जर हालत में है। कब जर्जर सड़कों की मरम्मत हुई। शायद ही किसी को इसकी जानकारी हो। अलग बात है कि सड़क निर्माण के लिए कई बार बजट आए। लेकिन सारा बजट नेताओं के घर और उनके बाल बच्चों पर खर्ज हो गया ।

               सोम ने बताया कि सिरगिट्टी की दो सड़कों का निर्माण औद्योगिक संघ ने किया है। जबकि तीसरी सड़क रेलवे की है। रेलवे की सड़क मात्र 4 सौ मीटर लम्बी है। यद्यपि रेलवे ने लोकोशेड़ के पास सड़क के लिए जमीन तो दे दिया है। लेकिन आज तक सड़क का निर्माण नहीं किया गया। रेलवे लीज के लिए सवा करोड़ रूपए की मांग कर रहा है। इसके बाद ही सड़क बनाने की अनुमति  देने को कहा है। हम जानते हैं कि सड़क निर्माण के लिए कई बार बजट आया। लेकिन आज तक चार सौ मीटर सड़क नहीं बनी। ना ही नगर पंचायत ने इसे गंभीरता से ही लिया। नतीजन जनता बहुत परेशान है। लेकिन नगर पंचायत प्रमुख को जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है। नगर पंचायत सीईओ भी अध्यक्ष के हां में हां मिला रही है।

हो जाएगी दुकान बन्द

सोम पाण्डेय ने बताया कि यदि नगर पंचायत को निगम में शामिल किया जाता है तो निश्चित रूप से वर्तमान व्यवस्था से बेहतर निगम की व्यवस्था होगी। यहां विरोध स्वार्थी लोग कर रहे हैं। विरोध ऐसे लोगों का है…जिनका अवैध प्लाटिंग का कारोबार चल रहा है। फर्जी मनरेगा मजदूर के नाम पर लाखों रूपए कमा रहे हैं। पेंशन योजना की राशि को जमकर छक रहे हैं। क्योंकि उन्हें मालूम है कि यदि सिरगिट्टी नगर निगम में शामिल हो जाएगा तो लोगों की दुकानदारी बन्द हो जाएगी। उद्योंगो का मुफ्त काउन्टर भी बंद हो जाएगा। इस बात को जनता भी जानती है।

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