बिलासपुर-आज सोशल मीडिया में शिक्षामंत्री के पदोन्नति दिशा निर्देश सुर्खियों में है इसके लिए बाकायदा पुराने संगठन के (दमदार) दागदार कहे जाने वाले नेता श्रेय लेते भी नजर आ रहे है पर छग सहायक शिक्षक फेडरेशन के नेता शिव सारथी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि शासकीय शिक्षको के लिए जब पदोन्नति एक सामान्य प्रक्रिया है तो क्रमोन्नति क्या है वह भी तो पदोन्नति से वंचित शिक्षको का अधिकार है जिसके लिए कला सहित वाणिज्य विषय वाले शिक्षक 1998 से एक ही पद पर काम कर रहे है जिनका पूरे सेवा काल में पदोन्नति असम्भव है यहाँ तक विज्ञान,गणित और इंग्लिश वाले भी पद के अभाव में अपना शोषण करा रहे है ऐसे में शासन द्वारा मात्र पदोन्नति प्रक्रिया प्रारम्भ करना दुर्भावनापूर्ण व्यवहार है वही पुराने नेताओ का शिक्षामंत्री का आभार व्यक्त करना और श्रेय लेने सहायक शिक्षको के जले में नमक छिड़कने जैसा है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
आगे शिव सारथी ने कहा है कि क्या विसंगति पूर्ण संविलियन और बिना क्रमोन्नति के राजपत्र का प्रकाशन वह भी अपने आपको 1998 से शिक्षकर्मियो का मसीहा समझने वाले नेताओं के बिना विरोध के प्रकाशित हो जाना और इनका पूर्व मुख्यमंत्री का सभा समारोह करना काफी नही था जो पदोन्नति की खबर लगते ही बलखाने लगें लज्जा आनी चाहिए ऐसे नेताओं को जो अपने ही छोटे भाइयो के शोषण पर होली,दिवाली मनाते है।
कैसे ये लोग शिक्षको के हितैषी का ढोंग करते है समझ नही आता छग सहायक शिक्षक फेडरेशन का एक-एक नेता और एक-एक सहायक शिक्षक शासन और बयानबाजी नेताओ के इस इजहारे खुशी का निंदा करता है और ऐलान करता है कि अब वेतन विसंगति और क्रमोन्नति सहित सभी का संविलियन और लम्बित अनुकम्पा नियुक्ति के लिए कोर्ट से लेकर सड़क तक कि लड़ाई तेज किया जाएगा,साथ ही फेडरेशन ने प्रदेश के सभी 1 लाख 9 हजार सहायक शिक्षको को आगाह किया है कि हमदर्दी का नकाब ओढ़े भेड़िये नेताओ के झांसे में न आये बल्कि आने वाले समय में अपने शासन के विरुद्ध हक और अधिकार के मांग के लिए संघर्ष हेतु कमर कस लेवे।