रायपुर।जकांछ मीडिया प्रमुख एवं मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि केन्द्र में भाजपा का शासन है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द हैं तथा भारत रत्न से किसी को सम्मानित करने का अधिकार उन्हीं के पास केन्द्रित है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भाजपा की मातृ संस्था हैं। ऐसी परिस्थिति में यह कहना उपयुक्त होगा कि संघ का स्वर्णकाल देश में चल रहा है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
इसके बावजूद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय वर्ग विशेष का वोट हासिल करने के लिये वी. सावरकर को इतिहास में पहली बार किसी को चुनावी घोषणा पत्र में भारत रत्न हेतु मांग किया जाना गैरवाजिब है तथा साथ ही साथ आचार संहिता का उल्लंघन भी है।
जिस तरह संघ के ही नानाजी देशमुख को भारत रत्न से बिना किसी सिफारिश या मांग के उक्त पदवी से नवाजा गया है। भविष्य में भी क्योंकि केन्द्र में भाजपा की ही सरकार है और अभी चार साल और रहेगी।
इस बीच भाजपा की मातृ संस्था आरएसएस के और भी स्वयंसेवकों को भी अन्य के साथ भारत रत्न से अलंकृत किया जा सकता है। चुनावी घोषणा पत्र में भारत रत्न की मांग करना केवल मतों को प्रभावित करने हेतु भाजपा का एक सुनियोजित तरीका प्रतीत होता है जो आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत उल्लंघन की श्रेणी में ही आयेगा।