आजाद मंच नेता विक्रांत का आरोप..मल्हार नगर पंचायत में लाखों का टेण्डर घोटाला.खोलेंगे कमीशनखोरों की पोल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–आजाद मंच प्रमुख विक्रांत तिवारी ने पत्रकार वार्ता कर मल्हार नगर पंचायत में ई टेन्डर घोटाला किए जाने का आरोप लगाया है। विक्रांत तिवारी ने पत्रकारों को बताया कि अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर शासन की योजनाओं को पलीता लगाने का काम किया है। चहेतों को करोड़ों की ठेका देकर पढ़ें लिखें युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी किया है।
 
            आजाद मंच प्रमुख विक्रांत तिवारी ने प्रेसवार्ता कर मल्हार नगर पंचायत में ई टेण्डर के माध्यम से करोड़ों रूपयों के घोटाला का आरोप लगाया है। तिवारी ने बताया कि ईटेण्डर घोटाला कमोबेश प्रदेश के सभी निकायों में किया गया है। आजाद मंच जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करेगा। मामले में आजाद मंच के कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे। युवाओं के साथ किए जा रहे अन्याय का पुरजोर विरोध करेंगे।
 
         आजाद मंच प्रमुख विक्रांत तिवारी ने दुहराया कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने काम काज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया को शुरू किया। प्रदेश के कमोबेश सभी 154 विभाग के कामकाज को ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत cgeprocurement में पंजीबद्ध का आदेश दिया। ताकि इसका फायदा पढ़े लिखे बेरोजगारों को ज्यादा से ज्यादा मिले। और मामले में पारदर्शिता भी कायम रहे। बावजूद इसके मल्हार नगर पंचायत के अधिकारियों ने प्रक्रिया में सेंधमारी कर भ्रष्टाचार का नया तरीका खोज निकाला है। 
 
              विक्रांत ने बताया कि मल्हार नगर पंचायत ने 5 कार्य का आनलाइन टेण्डर एक साथ जारी किया गया। इसमें एक काम 21 लाख, दूसरा 24 लाख, तीसरा 26लाख और चौथा काम 40 लाख का है। सभी चारो टेण्डर आनलाइन है। लेकिन पांचवा  65 लाख का आज तक ओपन नहीं हुआ है। जबकी 65 लाख का टेण्डर अधिकारियो ने पहले ही कर दिया है। निक्रांत ने दावा किया कि 65 लाख का टेण्डर चहेतों को देने के एवज में अधिकारियों ने धन भी लिया ङै।
 
             विक्रांत ने कहा कि नगरीय निकाय विभाग अर्बन एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्टमेंट अन्तर्ग मल्हार नगर पंचायत में निकले 6500000 के लाइट के टेंडर में भारी धांधली हुई है। यही कारण है कि सेटिंग कर टेण्डर प्रक्रिया को आनलाइन नहीं किया गया है। आजाद मंच प्रमुख  ने दावा किया कि मल्हार नगर पंचायत में करोड़ों रूपयों के टेण्डर घोटाला हुआ है। प्रदेश में कुल 195 निकाय और 154 विभाग हैं। कमोबेश सभी निकायों और विभागों में चहेतों को बड़ा टेण्डर इसी तरह दिया गया है। अंतिम तारीख को कुछ मिनट के लिए आनलाइन टेण्डर गेट को खोल दिया जाता है। जब चहेता ठेकेदार ई टेण्डर भर लेता है तो अधिकारी  टेण्डर गेट को तत्काल बन्द कर देते हैं। बाकी खेल पर्दे के पीछे होता है।
 
       आजाद मंच के कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ में युवाओं के साथ भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगें। कंप्यूटर ऑपरेटर से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन करेंगे। जल्द ही प्रदेश के 194 निकायों,154 विभागों में हो रहे ईटेण्डर भ्रष्टाचार को सबके सामने भी लाएंगे।
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