छात्र युवा संगठन का एलान..रेल मंत्री का जलाएंगे पुतला…कोयला उत्पादन का दुख भोग रहा प्रदेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति ने रेल मंत्री का पुतला जलाने का एलान किया है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने 34 यात्री गाड़ियों को एक महा नहीं चलाने का तुगलकी फरमान को अब बर्दास्त नहीं किया जाएगा। रेल प्रशासन को किसी भी सूरत में बिल्हा, करगी रोड, खोडरी जैसे स्टेशनों के स्टॉपेज को बहाल करना होगा।
         छात्र युवा नागरिक रेल्वे जोन संघर्ष समिति ने रेल मंत्रालय ने 34 यात्री गाड़ियों को न चलाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। समिति ने 25 मई को रेल मंत्री का पुतला दहन कर अपना विरोध दर्ज का एलान किया है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि दुर्भाग्य है कि जिस कोयला परिवहन से रेलवे को सर्वाधिक आय होती है। उसी कोयले के लिये छत्तीसगढ़ जैसे कोयला उत्पादक राज्य को यह दिन देखना पड़ रहा है।
            देश में कोयले का सर्वाधिक उत्पादन 158 मिलीयन टन गतवर्ष छत्तीसगढ़ में किया जाता है। यदि भण्डार के हिसाब से देखा जाये तो झारखण्ड और उडीसा में कोयला भण्डार छत्तीसगढ़ से अधिक है। मतलब छत्तीसगढ़ वर्तमान में ही अपनी क्षमता से अधिक कोयला उत्पादन कर रहा है। इसका सीधा दुष्परिणाम यह हुआ कि दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे से गुजरने और प्रारंभ होने वाली 34 यात्री गाड़ियों को पिछले एक महीने से बंद रखा गया है। जबकि यह शादी ब्याह और छुट्टीयों का सीजन है।
                 यात्री गाड़ियों को एक महीना बंद रखने का फैसला छत्तीसगढ़ की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को छिन्न भिन्न कर देगा। यही नहीं पिछले छः महीने से जो यात्री गाड़िया चल भी रही है उनके स्टॉपेज बिल्हा, करगी रोड, खोडरी, खोंगसरा, बेलगहना जैसे स्टेशनों पर समाप्त कर दिये गये है। यह भी केवल कोयला परिवहन के लिये किया जा रहा है।
सौर और पवन ऊर्जा तथा गैस पावर प्लॉट का पूरा उपयोग नहीं-
          छात्र युवा नागरिक रेल्वे जोन संघर्ष समिति के अनुसार इस समय 91000 मेंगावाट क्षमता के सौर और पवन ऊर्जा के पावर प्लॉट तथा 24000 मेंगावाट के गैस आधारित पावर प्लॉट लगे है। , जिनका उपयोग बहुत कम किया जा रहा है। देश की वर्तमान अधिकतम बिजली की मांग 2,10,000 मेगावॉट है। जिसमें से आधा हिस्सा बिना कोयले के बनाया जा सकता है। लेकिन केन्द्र और राज्य सरकारे अधिकतम बिजली कोयले से ही बना रही है जबकि वह कई मामलों में महंगी भी पड रही है।
            कोयले पर आधारित बिजली पर हमारी निर्भरता यातायात के यह सबसे सुलभ साधन रेलगाड़ी को आम जनता से दूर कर रही है। ऐसी परिस्थिति में केन्द्र सरकार को नींद से जगाने के लिये छात्र युवा नागरिक रेलवे जोन संघर्ष समिति 25 मई बुधवार को दोपहर 12 बजे तारबाहर चौक पर रेल मंत्री भारत सरकार का प्रतीकात्मक पुतला दहन करेगी।
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