अपोलो प्रबंधन का एलान..हम हर चुनौती को तैयार ..प्रताप रेड़्डी ने कहा..बनाएंगे क्रिटिकल केयर सेन्टर का वैश्विक नेटवर्क..विशेषज्ञ टीम करेगी इलाज

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—अपोलो हॉस्पिटल्स ने बुधवार को अपोलो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन क्रिटिकल केयर का शुभारंभ किया। जानकारी देते चलें कि अपोलो हॉस्पिटल्स भारत में सबसे बड़ा क्रिटिकल केयर संस्थान  है। 25 प्रतिशत से अधिक इन-पेशेट बेड क्षमता को क्रिटिकल केयर के लिए नामित किया गया है। बताते चलें कि किटिकल केयर को इंटेसिव केयर भी कहा जाता है। यहां गंभीर प्रकार के रोगियों का उपचार किया जाता है। यहां अलग-अलग चिकित्सा माध्यमों से इलाज किया जाता है। जान हानि का खतरा नहीं के बराबर होता है। अपोलो प्रबंधन ने बताया कि एसीईसीसी केवल अपोलो हॉस्पिटल्स नेटवर्क में ही नहीं बल्कि भारत और विदेशी मे गैर-अपोलो इकाइयों के साथ साझेदारी कर विश्व स्तरीय क्रिटिकल केयर प्रदान करेगा। ईआईसीयू कृो एकीकृत नेटवर्क बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
 
                        अपोलो प्रबंधन ने एलान किया है कि एसीईसीसी से क्रिटिकल केयर व्यापक स्तर पर रोगियों को इलाज करेगा। इससे रोगियों को आपात स्थिति में विशेषज्ञों की सेवाएं आसानीसे मिलेंगी। 
 
तैयार करेंगे सार्वजनिक और निजी सेवा का नेटवर्क
 
            अपोलो हॉस्पिटल्स युप  चेयरमैन डॉ प्रताप सी रेड्डी ने कहा कि हर साल गंभीर बिमारियों के चलते समुचित इलाज नहीं होने से लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है। आपसी समन्वय और बुनियादी जीवन रक्षक उपचारों की कमी से क्रिटिकल केयर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अपोलो हॉस्पिटल्स के पास सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाें है। गंभीर रोग के उपचार की सुविधा भी है। प्रभावी और बेहतर इलाज के चलते भारत समेत अन्य देशों में अपोलो को क्रिटिकल केयर में  विशेषजता और क्षमता हासिल है।
 
            एसीईसीसी सार्वजनिक और निजी, दोनों प्रकार की गैर-अपोलो इकाइयों के साथ साझेदारी कर अपोलो हॉस्पिटल्स अपनी सेवाएं बाहर भी देता है। निश्चित रूप से अपोलो प्रबंधन का प्रयास समूचे देश के रोगिया, डॉक्टर, नर्सिग होम्स और अस्पतालों के लिए लाभकारी साबित होगा।
 
                        एसीईसीसी में स्मार्ट समाधानों के माध्यम से निर्धारित मानकों के साथ   संचालन किया जाएगा। टेली-हेल्य और अपोलो कनेक्ट के उपयोग से ई-आईसीयू से क्रिटिकल केयर नेटवर्क के विस्तार को शक्ति मिलेगी।
 
बुनियादी सुविधाओं का विस्तार
 
                  अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरपर्सन प्रीता रेड्डी ने ‘कोविड महामारी के दौरान देश में क्रिटिकल केयर की बुनियादी सुविधाओं को लेकर चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि दक्षिण कोरिया, सिंगापुर जैसे विकसित देशों में प्रति 100,000  जनसंख्या में 10 से 11 क्रिटिकल केयर केन्द्र ैहं। जबकि भारत में प्रति 100,000 जनसंख्या में केवल 23 रिटिकल केयर सेन्टर ही है। महामारी की वजह से भारत की महत्वपूर्ण उपचार सुविधाओं को बढ़ाने और हाई एन्ड ब्रिटिकार मेयर के लिए समताओं के निर्माण की आवश्यकता है। एसीईसीसी …सार्वजनिक और निजी दोनों, अपोलो और अपोलो प्रदाता के बीच हब-एच-स्पोक इकाइयों के नेटवर्क पर आधारित होगा। ,सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक नागरिक को जरूरत पड़ने पर सर्वोत्तम क्रिटिकल केयर की सुविधा मिले।
 
देश के सामने कई स्वास्थ्यगत चुनौतियां
 
                      अपोलो हॉस्पिटल्स युप मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीता रेड्डी ने कहा, देश में आज क्रिटिकल केयर क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशिक्षित कर्मचारियों और उपकरणों की भारी कमी है। अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियां निर्धारित मानको, उचित शिक्षा, अनुसंधान से
अपोलो में उत्कृष्टता के लिए वातावरण तैयार किया है।  अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ संगीता रेड्डी ने बताया, ‘कोविड-19 के दौरान ब्रिटिकल केयर पर जबरदस्त दबाव रहा। साहस, लचीलेपन और निर्विवाद प्रतिवद्धता के चलते अपोलो ने विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर काम किया है। यही कारण है कि अपोलो प्रबंधन ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में परिवर्तन की भावना से प्रेरित होकर, क्रिटिकल केयर को असाधारण अनुभव बनाने के प्रयासों को दुगुना कर दिया है।
 
तैयार होगा नेटवर्क
 
            एसीईसीसी..एक एकीकृत क्रिटिकल केयर नेटवर्क की देखरेख में रहेगा। इसका लाभ मरीजों को मिलेगा। हमारा प्रयास रहेगा कि हम इसे न केवल देश में बल्कि विदेश में भी एसीईसीसी को मॉडल के रूप में तैयार करें। अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेस हॉस्पिटल्स डिवीजन के प्रेसिईट डॉ. के. हरि प्रसाद ने कहा कि एलोईसीसी के माध्यम से गंभीर रूप से बीमार मरीजों में पायी जाने वाली चुनौतियों का सामना आसान होगा। मरीजों को लगातार निगरानी, देखभाल और समर्थन की आवश्यकता होती है। यह सब क्रिटिकल केयर की भूमिका से आसान हो जाएगा।
 
रिमोट क्षेत्र में  बेहतर इलाज
 
               अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के किटिकल केयर इंटीग्रेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन के डायरेक्टर प्रोफेसर रवि महाजन ने कहा, “सेन्टर की शुरुआत होने से भारत के सुदूर हिस्सों में भी  गुणवत्तापूर्ण, किफायती क्रिटिकल केयर की सुविधा मिलेगी।

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