बिलासपुर—राज्य स्थापना दिवस पर बिलासपुर जिले के तीरंदाज यशपाल धुर्वे को छत्तीसगढ़ सरकार प्रवीरचंद भंजदेव पुरस्कार से सम्मानित करेगी। राज्य बनने के बाद शिवतराई को चौथी बार तीरंदाजी का सबसे बड़ा पुरस्कार प्रवीर चन्द भंजदेव अवार्ड मिलेगा। यशपाल धुर्वे के पहले शिवतराई के तीन लोगों को प्रवीरचन्द भंजदेव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
एक नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस है। हर साल की तरह इस साल भी राज्य स्थापना दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभावान लोगों को सम्मानित किया जाएगा। तीरंदाजी के क्षेत्र में राज्य का सबसे बड़ा पुरस्कार इस बार बिलासपुर जिले के तीरंदाज यशपाल धुर्वे को दिया जाएगा। राज्य शासन ने एलान किया है कि शिवतराई के तीरंदाज यशपाल धुर्र्वे को 2017 का प्रवीरचंद भंजदेव पुरस्कार भारत के उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू के हाथों दिया जाएगा।
मालूम हो कि आदिवासी बहुल गांव शिवतराई गांव बिलासपुर जिले के कोटा ब्लाक में आता है। राज्य स्थापना के बाद शिवतराई से कई तीरंदाजों ने छत्तीसगढ़ राज्य का नाम देश और विदेश में स्थापित किया है। बिलासपुर जिले का भी नाम रोशन किया है। शिवतराई में तीरंदाजी का प्रशिक्षण लेने भारत के कोने कोने से युवा प्रतिभावान बच्चे दांव पेंच सीखने आते हैं। शिवतराई से प्रशिक्षित बच्चों ने देश के कोने कोने में तीरंदाजी के विभिन्न प्रतियोगिताओं में मेडल और पुरस्कार हासिल किया है। समय समय पर इतवारी राज की अकादमी को जिला और राज्य प्रशासन से सहयोग भी मिलता है।
आदिवासी बहुल गांव शिवतरा
ई के द्रोणाचार्च इतवारी राज बच्चों को तीरंदाजी का प्रशिक्षण देते हैं। यशपाल धुर्वे के पहले इतवारी राज के तीन शिष्यों को प्रवीरचन्द भंजदेव पुरस्कार मिल चुका है। इसके पहले संतराम बैगा को 2007 में देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के हाथों सम्मानित किया गया था। दूसरा तीरदांज अघन सिंह बैगा को 2012 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों सम्मान मिला है।
अभिलाष राज को 2016 में तीरंदाजी के क्षेत्र में राज्य का सबसे बड़ा अवार्ड दिया गया। 2017 में यशपाल ध्रुवे को भारत के उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू प्रवीरचन्द भंजदेव पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
संतराम बैगा,अघन सिंह बैगा,अभिलाष राज और यशपाल ध्रुर्वे चारो तीरंदाज इतवारी राज के पाठशाला से तीरंदाजी का प्रशिक्षण लिया है।