बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का एक दस्तावेज साझा किया है, जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों का समर्थन किया था। दस्तावेज़ कैप्टन द्वारा गठित एक टास्क फोर्स की रिपोर्ट है जो सितंबर 2020 की है। इसे शेयर करते हुए, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने इसे कांग्रेस द्वारा एक और ‘यू-टर्न’ करार दिया और कहा कि पंजाब के सीएम ‘गलत कारणों’ के लिए, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ प्रतियोगिता कर रहे हैं।
दस्तावेज़ में, ‘मार्केटिंग सुधार’ का एक सेक्शन है जिसके तहत कहा गया है- ‘किसानों की उपज बेचने के दायरे को बढ़ाने के लिए एपीएमसी से परे कृषि विपणन खोलना। उच्च मूल्य वाले फलों के बागों और सब्जियों के तहत क्षेत्रों का दोहरीकरण।’ बीजेपी का कहना है कि ‘दस्तावेज़ में वे सभी बिंदु हैं जो नए कृषि कानूनों में मौजूद हैं’।
‘शरद पवार ने भी ऐसा ही वादा किया था’
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने इससे पहले 2008 के एक अंग्रेजी दैनिक से एक लेख साझा किया था। संतोष ने कहा कि पवार ने 2010 और 2011 में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था कि कृषि क्षेत्र को देश के ग्रामीण क्षेत्र में विकास, रोजगार और आर्थिक समृद्धि के लिए अच्छी तरह से काम करने वाले बाजारों की जरूरत है।
एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा कि इसके लिए बाजार के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी में भारी निवेश की आवश्यकता है। शरद पवार ने तब एपीएमसी अधिनियम में बदलावों की वकालत की जिसे लेकर अब किसान दिल्ली सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। तत्कालीन मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को अपने 2011 के पत्र में, शरद पवार ने एपीएमसी अधिनियम में बदलाव की वकालत करते हुए कृषि सुधारों के लिए मंडियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी के महत्व को बताया।
उन्होंने आगे कहा कि इस कदम से ‘मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने और वैकल्पिक विपणन चैनल उपलब्ध कराने’ को बढ़ावा मिलेगा, जो किसानों, उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए फायदेमंद होगा। शिवराज सिंह चौहान को लिखे गए शरद पवार के पत्र में लिखा है, “मुझे यकीन है कि इसका मतलब होगा कि बिचौलियों की लागत और फसल के बाद का नुकसान कम होगा और साथ-साथ उपज की बढ़ी हुई आपूर्ति और उपभोक्ताओं की कीमत में अधिक से अधिक किसान हिस्सेदारी होगी।”
A task force formed by @capt_amarinder in Apr 2020 submits its report in Sep 2020. The report has foreword written by the CM . Report recommends all proposals of new farm laws. One more U turn by Cong. Capt , you are in competition with @ArvindKejriwal for wrong reasons . pic.twitter.com/eo0TYpl4h1
— B L Santhosh (@blsanthosh) December 26, 2020