पखांजूर। पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा कोयलीबेड़ा एवं अंतागढ़ के पदाधिकारियों ने अंतागढ़ विधायक अनूप नाग से मुलाकात कर एन.पी.एस./ओ.पी.एस.विकल्प चयन हेतु आ रही व्यवहारिक समस्याओं के समाधान की मांग पर विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री से चर्चा कर समस्याओं के निराकरण हेतु आवश्यक पहल करने का आश्वासन दिया। मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य में 2004से बंद पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने की घोषणा पर पूरे प्रदेश के कर्मचारी जगत ने ढ़ोल नगाड़े बजाकर,रंग गुलाल व पटाखे फोड़कर स्वागत किया था।
जगह-जगह सम्मेलन कर मुख्यमंत्री का स्वागत अभिनन्दन किया गया। किंतु अधिकारियों ने जब पुरानी पेंशन बहाली के निर्णय को अमलीजामा पहनाना शुरू किया तो इस तरह की शर्तें रखी जिससे 1998 से लेकर समय समय पर नियुक्त एल.बी.संवर्ग के शिक्षकों की खुशियों पर तुषारापात हो गया है।
दरअसल शिक्षको की नियुक्ति 1998 से निरन्तर हुई है,1अप्रैल 2012 से नई पेंशन की कटौती शुरू की गई है,1 जुलाई 2018 से संविलियन किया गया है,1अप्रैल 2022 से नई पेंशन की कटौती बंद है और पुरानी पेंशन हेतु जीपीएफ की कटौती प्रारम्भ की गई है, इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नही है,जो अपरिवर्तनीय विकल्प पत्र का नमूना वित्त विभाग ने जारी किया है,वही भ्रामक है।
एल बी संवर्ग के शिक्षक को संविलियन तिथि से शासकीय सेवक माना जा रहा है, जबकि नई पेंशन योजना में उनका पैसा 2012 से जमा है और इसी राशि को रिटायर होने पर शासन को जमा करने विकल्प पत्र में लिखा है,जो पूर्णतः गलत है।पूरे एन.पी.एस कर्मचारियों में आधे एल.बी.संवर्ग के शिक्षक है,जिनकी नई पेंशन कटौती व शासकीयकरण की स्थिति भिन्न है,जिसे वित्त विभाग को स्पष्ट करते हुए ही नमूना पत्र जारी करना था।
शासन द्वारा पुरानी पेंशन हेतु अब विकल्प पत्र लिया जा रहा है जबकि 2022 से ही पुरानी पेंशन हेतु कटौती किया जा रहा है।मुख्यमंत्री जी के घोषणा के क्रियान्वयन में नई पेंशन 10 माह पहले बंद कर जीपीएफ कटौती किया जा रहा है,तो अब विकल्प क्यो लिया जा रहा है? अच्छा होता कि पहले ही विकल्प पत्र लेते फिर विकल्प अनुसार कटौती किया जाता।वित्त विभाग ने शिक्षको के पेंशन मामले में हड़बड़ी कर शिक्षको को गुमराह भी किया है और 3 माह का समय देते हुए शिक्षको की भिन्न स्थिति पर उनके विकल्प चयन के लिए पृथक कार्यशाला का आयोजन किया जाता।जो कार्यशाला हुए उसमे पेंशन संधारण को समझाया गया,कर्मचारी व शिक्षको पर प्रशिक्षक निरुत्तर रहे है।
पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा ने कहा है कि प्रथम नियुक्ति तिथि से पुरानी पेंशन व पूर्ण पेंशन लागू करने हेतु शिक्षको की बात 10 फरवरी को अधिकारियों से मिलकर,ज्ञापन देकर, जिले में 14 फरवरी को कलेक्टर के द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर व 20 फरवरी को सभी जिला में धरना, रैली, प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व अधिकारियों के लिए मांगपत्र दिया गया है।
अब 24 फरवरी तक हजारो शिक्षको ने विकल्प पत्र न देकर भी अपनी भावना व मांग को सरकार व शासन तक पहुंचाया है,ऐसे हजारो शिक्षको का वेतन नही रोका गया बल्कि विकल्प न भरने के कारण सरकार व शासन तक बात पहुंचने पर वित्त विभाग को विकल्प पत्र भरने का समय बढ़ाना पड़ा।
मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रथम नियुक्ति तिथि से पुरानी व पूर्ण पेंशन का संघर्ष निरन्तर जारी रहेगा।पुरानी पेंशन का संघर्ष मिलकर लड़ने से सफल होगा।इस दौरान पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा के जिला सहसंचालक संतोष जायसवाल, निरंकार श्रीवास्तव,डुमेंद्र साहू,अशोक मृधा, रंजीत कर,वि.ख.संचालक भोला प्रसाद ठाकुर,गणेश दास,बलविंदर कौर,सहसंचालक परमानंद पाल, गौतम मंडल,प्रशांत राय कुंडलियां, भोजेश्वर जैन,रूद्रप्रताप सोनी, सविता कोरेटी,आशा तिर्की,चेतना यदु,मनीषा उयके,खिलावन साहू,पंचलाल उसेंडी,लालदास वर्मा,मोहनलाल वर्मा,उपस्थित रहे।