चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की हुई शुरुआत

Shri Mi
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रामानुजगंज (पृथ्वीलाल केशरी) कन्हर नदी के तीर पर लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का शुरुआत आज से हो चुका है। निर्जला अनुष्ठान के पहले दिन व्रती घर,नदी,तालाबों आदि में स्नान कर अरवा चावल,चने की दाल और कद्दू लौकी की सब्जी का प्रसाद ग्रहण कि। भगवान सूर्य व छठी माता को समर्पित छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व चार दिन तक चलता है। 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलेगा।

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छठ पूजा में संतान के स्वास्थ्य,सफलता व दीर्घायु के लिए पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। इस व्रत को महिलाओं के साथ पुरुष भी रखते हैं। नहाए खाए के एक दिन पूर्व महिलाएं घर की साफ-सफाई कर दूसरे दिन घर में चने की दाल,लौकी की सब्जी और भात प्रसाद के रूप में बना कर ग्रहण करती हैं। खरना के दिन महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाकर सूर्यास्त के बाद ग्रहण करती है तत्पश्चात बचे हुए खीर को अपनों सहित आस पड़ोस में प्रसाद के रूप में वितरण भी किया जाता है जिसे ग्रहण करने के लिए लोग लालायित रहते हैं। और यहीं से अगले 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाता है।

उसके अगले दिन व्रती महिलाएं एवं पुरुष सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य देती है। अंतिम एवं चौथे दिन व्रती महिलाएं एवं पुरुष बहते हुए जल में खड़े होकर उगते हुए भगवान सूर्य देव का इंतजार करते हुए मन ही मन मन्त्र जाप करते हैं। उसके बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देकर हवन आदि उपरांत छठ पूजा का समापन करते हुए व्रत पारण कर घाट पर उपस्थित जनों के बीच प्रसाद का वितरण करते हुए राम मंदिर महामाया मंदिर के दर्शन उपरांत अपनी घरों के लिए प्रस्थान कर जाती है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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