..जब मुख्यमंत्री ने कहा- आज भी हमारे प्रदेश में बहुत से आदर्श शिक्षक,अपने स्टूडेंट लाइफ की इन यादों को शेयर किया

Shri Mi
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भोपाल।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य यह होना चाहिए कि शिक्षा प्राप्ति के बाद विद्यार्थियों को रोजगार सुनिश्चित हो जाए। इसके लिए रोजगारोन्मुखी शिक्षा एवं कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाये।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें ऐसे प्रयास करने चाहिएं, जिससे हर विद्यालय एवं महाविद्यालय में शिक्षा का अच्छा वातावरण बने। विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रूचि बढ़े तथा शिक्षक पूरे मन से अध्यापन करें। हम सब भी विद्यार्थियों को प्रेरित करने का कार्य करें।

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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की भिन्न-भिन्न विशेषताएँ हैं। इन सभी स्थानीय विशेषताओं का ज्ञान वहाँ के विद्यार्थियों को दिया जाना चाहिए। स्थानीय उत्पादों आदि के संबंध में जानकारी एवं प्रशिक्षण विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के अंतर्गत गठित मंत्री समूहों के प्रस्तुतिकरण के अंतर्गत शिक्षा समूह के प्रस्तुतिकरण पर चर्चा कर रहे थे। इस समूह के अंतर्गत स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा तथा चिकित्सा शिक्षा विभागों का प्रस्तुतिकरण दिया गया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज भी हमारे प्रदेश में बहुत से आदर्श शिक्षक हैं, जो विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को अच्छी तरह निखारते हैं। अन्य शिक्षक भी उनसे प्रेरणा प्राप्त करें। मुझे याद है जब मैं अपने गाँव जैत में अध्ययन करता था, मेरे एक शिक्षक प्रति शनिवार सभी बच्चों को कक्षाओं के बाद स्व-प्रेरणा से रामायण पढ़ाते थे। वे मुझसे रामायण की चौपाइयाँ तथा उनका अर्थ बताने के लिए कहते थे। धीरे-धीरे मैं अच्छा बोलना सीख गया। मेरे वक्ता बनने का श्रेय उन्हीं शिक्षक को जाता है। मैं ऐसे सभी शिक्षकों को हृदय से नमन करता हूँ।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के नवीन भवन बनाए जाने के साथ ही मौजूदा भवनों का निरंतर रख’रखाव किया जाए। प्रदेश के 50 महाविद्यालयों को बहुविषयक बनाया जाएगा। प्रदेश में 150 नवीन दूरस्थ अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। स्मार्ट क्लास रूम बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी मेडिकल कॉलेजेस में सीट्स बढ़ाई जाएं। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाये। बताया गया कि मेडिकल कॉलेज इंदौर और भोपाल में 100-100 सीटें तथा रीवा में 50 सीटें बढ़ाई गई हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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