♦व्यक्तिवादी सोच के बदले, समाज के लिए सोचें-मंयक
♦एसपी मयंक श्रीवास्तव और एएसपी अर्चना झा ने विद्यार्थियों को दी जानकारी
बिलासपुर। डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय और बिलासपुर पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में महिला सशक्तिकरण व ट्रैफिक नियमों के पालन विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक मंयक श्रीवास्तव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा ने विद्यार्थियों को जानकारी दी। इस अवसर पर टेलीफिल्म के माध्यम से विद्यार्थियों को सभी परिस्थितियों से समझाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बिलासपुर पुलिस अधीक्षक मंयक श्रीवास्तव ने ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि आज सबसे अधिक काम करने वाले विभाग में पुलिस विभाग का नाम है, लेकिन किसी पुरानी मानसिकता के कारण लोगों के मन में आज भी पुलिस की छबि नकारात्मक बनी हुई है। जबकि सच तो यह है कि हमें अपने कार्य के कारण ऐसा काम करना होता है जिससे लोग मन में गलत भाव से ले लेते हैं। उन्हांेेने उदाहरण देते हुए कहा कि किसी अपराध की सूचना पर हम सभी लोगांेें की जांच करते है,जबकि उसमें बहुत से लोग बहुत ही सभ्य होते हैं, ऐसे में पुलिस की छबि पर प्रभाव पड़ता है जबकि हम सिर्फ ड्यूटी कर रहे होते हैं।
उन्होंने बताया कि उस समय वह व्यक्तिवादी सोच रखता है इसलिए यह व्यवहार उसे बुरा लगता है, जबकि हम पूरे समाज के लिए सोचकर काम करते हैं। पुलिस पूरे समाज के हित के लिए काम करती है। उन्होेने अपने जीवन के कई अनुभवों को साझा करते हुए ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी और विद्यार्थियों से कहा कि सुरक्षित जीवन के लिए हर समय सतर्कता से वाहन चलाएं और हमेशा हेलमेट का प्रयोग करें। उन्होेने फेसबुक पर संवाद के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को जुड़ने की अपील की। जिससे पुलिस आप के पास पहुंच कर आपकी मदद कर सके।
इस अवसर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों में विश्वविद्यालय की हमेशा से सहभागिता रहती है। प्रदेश सरकार के हेलमेट अनिवार्य किए जाने के बाद विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को हेलमेट वितरण किया गया था। इसके अलावा महिला सुरक्षा के लिए विश्वविद्यालय के एक सेल का गठन किया गया। इस अवसर पर सभी ने स्वच्छता की शपथ ली और अपने घर,शहर और कार्य स्थल को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में कोटा एसडीओपी विश्वदीपक त्रिपाठी, कोटा टीआई कृष्णकांत सिंह सहित विश्वविद्यालय के सभी विभागोें के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
गलत को नहीं सहना है-अर्चना
इस अवसर पर एएसपी अर्चना झा ने छात्राओं से कहा कि घर, सड़क और किसी भी संस्थान में गलत को नहीं सहना है। आमतौर पर देखने में आता है महिलाएं डर या शर्म के कारण अपने उपर किए जा रहे अत्याचार का विरोध नहीं करती है। लेकिन ये पूरी तरह से गलत है। किसी भी महिला को गलत को सहने की जरूरत है। उन्होने कहा कि रक्षा के लिए पुलिस की महिला सेल और हेल्पलाइन नंबर में संपर्क पर कभी भी संपर्क किया जा सकता हैं। उन्होंने सोशल मीडिया को सर्तकता से उपयोग करने की सलाह दी। उन्होने महिलाओं पर होने वाले अपराध के बारे में विस्तार से बताया और इससे बचने के उपाए भी बताए।
बुराई व अपराध से दूर रहे विद्यार्थी-कुलपति
इस अवसर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर.पी.दुबे ने कहा कि विद्यार्थी जीवन के उस पड़ाव में हैं जहां बुराईयां जल्द ही जीवन में आ जाती है और गलत संगत से वे अपराध की गिरफ्त में चले जाते हैं। ऐसे में हर युवा को अपने घर और समाज के लिए नैतिक जिम्मेदारी को साथ लेकर चलना चाहिए। युवा ही भावी सभ्य समाज के निर्माता है। इसलिए युवाओं को कानून का पालन हर स्थिति में करना चाहिए। प्रो. दुबे ने कहा कि आज पुलिस विभाग स्वयं यहां कानून की जानकारी देने के लिए आया है। उन्होंने पुलिस विभाग के प्रति अभार जताया।
कौशल विकास यात्रा को हरी झंडी
डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर.पी.दुबे ने कौशल विकास यात्रा को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। कौशल विकास के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान आईसेक्ट द्वारा युवाओं से कौशल विकास की जानकारी साझा करने के उद्देष्य से देश व्यापी कौशल विकास यात्रा चलाई जा रही है। इस तारतम्य में आज डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय से में कौशल विकास यात्रा को रवाना किया गया। यह यात्रा कौशल विकास के महत्व की जानकारी जन-जन तक पहुंचाएगी। कौशल विकास यात्रा कई वर्षो से आईसेक्ट द्वारा युवाओं के बीच कौशल विकसित करने के महत्व को समझाने के लिए एक अनूठा प्रयास रहा है, जिसे विभिन्न केंद्र व राज्य सरकार ने पुरस्कृत भी किया है। इस दौरान छात्रों को अन्य कार्य पीएमकेवीवाई, पीएमकेके,आरपीएल,एनडीएलएम और डिजिटल लिटरेसी मिषन की जानकारी भी प्रदान की गई।