D.E.O ने जारी किया शिक्षकों का तबादला आदेश…! क्यों बना है चर्चा का विषय..?

Chief Editor
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सुरजपुर:(मनीष जायसवाल)जिले के शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी तबादला आदेश पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। तबादले की वजह जिले के मुखिया के दौरे के दौरान स्कूल में उपस्थित शिक्षको ने उनके सवालो का जवाब देते हुए उन्हे  बताया था उनका निवास स्थान जिले की सीमा में नही है। शिक्षक स्कूल की सीमा से 15 किलोमीटर दूर पड़ोसी जिले सरगुजा में निवास करते है। वही से आना जाना करते है।इस सच का  जबाव देना शिक्षको पर भारी पड़ गया जिला शिक्षा अधिकारी ने उच्च अधिकारी की अनुशंसा को आधार बनाते हुए सुरजपुर ब्लॉक के जयनगर और सिलफिली के शिक्षकों का तबादला आगामी आदेश तक भैयाथान ब्लाक में कर दिया गया है।

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बताया जाता है कि जिला शिक्षा विभाग द्वार वाट्सएप मेसेज में सूचना देकर  कोरोना काल में छोटे से जिले में गिरती स्वस्थ्य सुविधाओं के बीच बन्द पड़े स्कूलों में शिक्षकों को जबरिया बिना काम के सभी शिक्षको को शाला में दस से चार बजे तक उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। जबकि DPI से कोई स्पस्ट दिशा निर्देश सभी शिक्षकों को दस से चार बजे तक रहने नही दिए गए है। केवल नए एडमिशन, अंक सूची वितरण व अन्य जरूरी काम के लिये ही स्कूल परिसर का उपयोग करने को कहा गया है।इन सबके बावजूद शिक्षक स्कूल आये औऱ सच बोलने का इनाम तबादले के रूप में मिला..! 

शिक्षको पर कारवाही उस वक़्त की गई जब शिक्षक आन लाइन पढ़ाई तुंहर द्वार व सुरजपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी व मिशन समन्यवक  के मार्ग दर्शन का सबसे चर्चित नवाचार मॉडल मिसकॉल गुरुजी पर पढ़ाई करवाने में  फ़ोकस कर रहे है। इस कार्य को शिक्षक  स्वेच्छा से अपने स्वयं के व्यय व अपने संसाधनों से कोरोना काल मे बेहतर परिणाम देने की कोशिश कर रहे है। इसी पर बीते दिनों दौरे में आये मुख्य स्कूल शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला कार्य से संतुष्ट हुये और शबासी देकर भी गए है।

क्योकि छात्रो के भविष्य को बदलने वाली योजना स्कूल शिक्षा मंत्री के गृह जिले में लागू है….!   उसके बाद भी शिक्षको की 15 सितंबर को सुबह दस से चार पहचान परेड करने का क्या लाभ आम शिक्षक  समझ नही पा पाए है ..।जानकारों का मानना है कि सुरजपुर जिले में शासन के आदेश नही होने पर भी सभी शिक्षको को स्कूल बुलाया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कि स्कूलो पर जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर SOP को ताक पर रखा गया …?

कोरोना के संक्रमण काल से पूर्व 2012 में  सरगुजा (अम्बिकापुर) से अलग होकर नया जिला बना सुरजपुर है जिसकी सीमा जिला पूर्व में बलरामपुर जिले के साथ, दक्षिण-पूर्व में सरगुजा जिले, दक्षिण में कोरबा जिले और पश्चिम में कोरिया जिले के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है। यह उत्तर दिशा में मध्य प्रदेश में सिंगरौली जिले की सीमा से भी सटा हुआ है। भौगोलिक दृष्टिकोण और मानव व्यवहार की दृष्टि से देखा जाए तो सिलफिली से 14 किलोमीटर दूर अम्बिकापुर शहर है।

जहां स्कूल से शहर का जीरो पॉइंट  20 मिनट में आसानी से पहुँचा जा सकता है। जबकि सुरजपुर की दूरी 23 किलोमीटर है।जिले मुख्यालय में उपस्थिति रहने के आदेश का क्या यह उलंघन है ..? मुख्यालयों में रहने की परिभाषा में संसोशोधन के लिए  विचार मंथन  कर्मचारियों के बीच शुरू हो गया है। जिसकी मांग भविष्य में शासन के समक्ष रखी जायेगी।

राजा का इशारा सर आंखों पर.. तिजोरी में रख दो नीति व नियम…!  फेसबुक पर लिखी हुई दो लाइन कही सुरजपुर जिले में फिट तो नही बैठ रही है। जहाँ वर्तमान में  16 सितंबर तक 518 एक्टिव कोरोना पीड़ित अस्पतालों की चार दीवारी में है। जहाँ के कोविड 19 के सेंटरों में खाने और नहाने के लाले पड़े हुए हो ऐसे जिले में कोरोना के बढ़ते आंकड़ो के बीच शिक्षको को स्कूल बुला कर ऐसी कार्यवाही करने मतलब क्या है ..? 

जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा हालिया की गई कार्यवाही को आधार बनाकर आने वाले एक दो दिनों में कुछ संस्था प्रमुख अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग अलापते नज़र आने की पूरी आशंका शिक्षक जता रहे है। कोरोना के कहर के बीच सभी शिक्षको को पूरे  समय उपस्थित रहने का फरमान सुना भी सकते है। इस सबके बीच पीछे का रास्ता खोजने वाले शिक्षक कर्मचारियों ने … बहानों के आवेदन…. भी जमा कर दिए होंगे इसके अलावाहाजरी रजिस्टर में एकसाथ दस्तखत भी कर आये होंगे। इस एक्शन से अब  शिक्षक संघ भी  एक्टिव हुए है।वे जिले में स्कूलो के संस्था प्रमुखों के आड़े तिरछे व नीति नियमो से परे निर्देशो पर नज़र रखने की बात कह रहे है।

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