सत्या पॉवर प्लान्ट के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन ..उखाड़ फेंका जन-सुनवाई का टैंट..समर्थन में उतरे कुछ ठेके के नेता..सरपंच ने कहा..ग्रामीणों के साथ

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— गतौरी समेत आस पास गांव के लोगों में सात जुलाई को होने वाले सत्या पावर प्लान्ट विस्तार जनसुनवाई के खिलाफ आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। धीरे धीरे आधा दर्जन से अधिक गांव लोग जनसुनवाई के विरोध में सड़क पर उतर गए हैं। बताया जा रहा है कि जनसुनवाई को लेकर लगाए जा रहे टैंट को भी ग्रामीणों ने उखाड़ फेंका है। जानकारी यह भी मिल रही है कि ग्रामीणों के आक्रोश को शांत कराने प्लान्ट की तरफ से कुछ ठेकेदार नेता भी मैदान में उतर गए हैं। देर रात तक बैठक कर ग्रामीणों को साम दाम दण्ड भेद के सहारे प्लान्ट विस्तार को समर्थन देने की गुहार लगा रहे हैं। इसके चलते ग्रामीणों का गुस्सा दो गुना हो गया है।
ग्रामीणों में भयंकर नाराजगी
                          जैसे जैसे सत्या पावर प्लान्ट विस्तार जन सुनवाई की तारीख करीब आ रही है। विरोध में ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को गतौरी के ग्रामीणों ने प्लान्ट की तरफ से स्कूल में जनसुनवाई के लिए लगाए गए तम्बू को उखाड़ फेंका है। ग्रामीणों ने इस दौरान दो टूक कहा कि हमें कोयला प्लान्ट विस्तार की जरूरत नहीं है। ना ही हमें इसकी जानकारी ही है। इसलिए जनसुनवाई की जरूरत भी नहीं है। नाराज ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो बड़े बड़े सब्ज बाग दिखाए जाते हैं। काम होने के बाद सारा मलवा हमें उठाना पड़ता है। इसके पहले भी जगह जगह जन सुनवाई हुई। विरोध के बावजदू प्लान्ट लगाया गया। लेकिन प्लान्ट का दुख आज तक मासूम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने उखाड़ फेंका टैन्ट
           जानकारी के अनुसार गतौरी प्राइमरी स्कूल में सात जुलाई को जन सुनवाई होना है। इसी बात को लेकर प्लान्ट प्रबंधन के आदेश पर टैऩ् लगाने मजदूरी की टीम पहुंची। गतौरी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने भी टैन्ट लगाने से मना कर दिया। बाद में प्रबंधन की तरफ से एसडीएम का आदेश दिखाया गया। प्रधान पाठक ने कहा कि हमें अलग से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है कि स्कूल में ही सुनवाई होगी। आदेश मिलने पर ही टेण्ड लगाने का आदेश दिया जाएगा। प्रधानपाठक ने यह भी कहा कि जनसुनवाई के दिन स्कूल बन्द नहीं किया जाएगा।  यान कक्षाएं लगेंगे।

समर्थन में दलाल नेता सक्रिय

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                  प्लान्ट के विरोध में ग्रामीणों की अगुवाई कर रहे दिलीप अग्रवाल ने बताया कि ग्रामीण नहीं चाहते हैं कि गतौरी स्थित पावर प्लान्ट का विस्तार किया जाए। उनका अपना अनुभव है। प्लान्ट प्रबमधन ने हमेशा ग्रामीणों के साथ भद्दा मजाक किया है। एक दशक पहले हुई भूल का ग्रामीण अभी तक भुगत रहे हैं। प्लान्ट का विस्तार का हर संभव विरोध किया जाएगा। यद्यपि प्लान्ट के समर्थन में कुछ दलाल नुमा पार्टी के नेता रात रात बैठक कर रहे हैं। ग्रामीणों से समर्थन मांग रहे है। यद्यपि उन्हें अभियान में सफलता मिल रही है। लेकिन गतौरी समेत कुछ गांव के लोगों ने फैसला किया है कि प्लान्ट का विरोध किया जाएगा।
हम ग्रामीणों के साथ       
          मामले में  गतौरी सरपंच ने कहा कि यह सच है कि ग्रामीणों ने टैन्ट उखाड़ दिया है। उस समय गांव में नहीं था। सरपंच अश्वनी सोनवानी ने बताया कि कि गांव से हम है। यदि ग्रामीण  प्लान्ट का विस्तार नहीं चाहते हैं तो हम उनके साथ हैं। मतलब साफ है कि बिना ग्रामीणों की रजामन्दी से बतौर सरपंच वह कुछ भी निर्णय नहीं लेंगे।

10 बिन्दु की मांगी गयी जानकारी

                     प्लान्ट विस्तार विरोध की अगुवाई कर रहे दिलीप ने बताया कि टैन्ट उखाड़ने से समझा जा सकता है कि ग्रामीण प्लान्ट के विरोध में है। अब चाहे कोई दलाल नेता सामने आए या अधिकारी हम जनसुनवाई में प्लान्ट का विरोध करेंगे।                     
                    दिलीप अग्रवाल ने बताया कि पर्यावरण विभाग से प्लान्ट और पर्यावरण से  सम्बधित दस बिन्दुओं की जानकारी मांगी गयी है। अधिकारी देवव्रत मिश्रा ने मंगलवार को बुलाया है। अधिकारी ने प्लान्ट से जुड़ी जानकारियों को साझा किया है। जल्द ही जानकारियों को सार्वजनिक किया जाएगा।

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