पहले से कहीं ज्यादा..आज गांधी की जरूरत…पद्मश्री डॉ.किरण ने कहा…अन्दर से बनें स्मार्ट…बताया..देश को आइसक्रीम पसंद…चिरायता नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—जम्मू से कन्याकुमारी यात्रा पर निकले पद्मश्री डॉ.किरण सेठ बिलासपुर पहुंचे। उन्होेने बताया कि तीन दिन बिलासपुर में रहूंगा। मैं कार्यकर्ता नही स्पीक मैके के लीडर की तलाश कर रहा हूं। लीडर ही देश और समाज को दिशा देता है।  स्पीक मैके अंदर से जीना सिखाता है, साथ ही अंदर से स्मार्ट भी बनाता है। सवाल के जवाब के दौरान पद्मश्री नरे बताया कि महात्मा गांधी पहले से कहीं ज्यादा आज प्रासंगिक हैं।

जम्मू से कन्याकुमारी की साइकिल यात्रा पर निकले स्पीक मैके के संस्थापक पद्मश्री डॉक्टर किरन सेठ बिलासपुर पहुंचे। उन्होने बुधिजीवियो और पत्रकारों से संवाद किया। उन्होने इस दौरान बताया कि सायकल यात्रा के मूल में तीन उद्देश्य हैं। सबसे पहले तो यह कि सायकल चलाने से सेहत ठीक रहती है। देश को करीब से देखने का अवसर मिलता है। ऐसा करने से ना केवल खुद को बल्कि देश को भी दिशा मिलती है।

ध्यान, पर्यावरण,के लिए प्रेरित करने वाले 74 वर्षीय सेठ ने कहा कि आज हम बाहर से स्मार्ट बन गए हैं। सच तो यह है कि हम पूरी तरह से खोखला है। हमें अंदर से  स्मार्ट बनने की जरूरत है।  हमें अपने जरूरत की चीजे रखने की जरूरत है। एकाग्रता और ध्यान से खुद को केंद्रित करें। , एक सादी सायकल पर ध्यान , एकाग्रता का संदेश देते हुए देश का भ्रमण कर रहा हूं।

डॉक्टर किरन सेठ ने बताया कि सायकल जरूर चालाना चाहिए। पर्यावरण की सुरक्षा के साथ शारीरिक व्यायाम है। सबसे बड़ी बात सायकल लगातार एकांत में चलाते है तो ये यह किसी ध्यान से कम नहीं बल्कि ज्यादा अच्छा है। ध्यान आपकी कला में भी है ।डांस में भी ध्यान लगता है। बड़े बड़े कलाकार डांस और संगीत को साधना के रूप में लिया है।

स्पीक मैके के संस्थापक ने बताया कि 10 सितम्बर को आम लोगो से मुलाकात करने का अवसर मिलेगा। उन्हें भी स्पीक मैके के उद्देश्य और दैनिक जीवन में काम काज के दौरान ध्यान समेत अन्य गतिविधियों के बारे में बताऊंगा।

 इस दौरान गांधी की प्रासंगिता के सवाल पर पद्मश्री ने बताया कि गांधी जितना अपने समय में नहीं थे…उतना आज प्रासंगिक है। गांधी  मन,वचन और कर्म से सबसे बड़े साधक थे। उन्होने अपने विचारों और कार्यों को देश और दुनिया को नई दिशा दिया है। गांधी का चिंतन बहुत ही ऊंचे स्तर का है। आज उनकी और उनके चिंतन की सबसे ज्यादा जरूरत है। किरण सेठ ने कहा कि तकनिकी ज्ञान समय की मांग है कि लेकिन गांधी चिंतन हमेशा के लिए जरूरत है।

आधारशिला स्कूल के चेयरमैन डॉक्टर अजय श्रीवास्तव की तारीफ करते हुए किरण सेठ ने  कहा कि हमारी संस्था के ऐसे वालेंटियर है जो हमेशा सक्रिय रहते हैं। स्कूल जीवन से जुड़े अजय बाकी वालेंटियारो की तरह फोटो सेशन में ही नहीं रहते। आज संस्था को ऐसे ही वालेंटियारो की जरूरत है।

 डॉक्टर सेठ ने बताया कि हमारा देश विविधिताओ से भरा है।हमारा देश बहुत ही खूबसूरत है।आप सायकल चलाए और ध्यान लगाए , आज महात्मा गांधी के सिंपल लिविंग और हाई थिंकिंग का समय है।  अपने आप को अंदर से मजबूत करने का समय है।  आज की राजनीति में लोग आइस्क्रीम खाना चाहते हैं… कोई चिरायता नही पीना चाहता।। गांधी के विचारो को आत्मसात करने पर जोर देते हुए पद्मश्री सेठ ने अपनी असली जरूरत को समझने को कहा।

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