विष्णु देव साय बोले – हसदेव अरण्य पर सीएम का बयान हास्यास्पद

Shri Mi
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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा हसदेव अरण्य के पेड़ों की कटाई संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बढ़ते विरोध के कारण भूपेश बघेल मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। बौखलाहट में आपा खोकर पेड़ कटाई का विरोध करने वालों से कह रहे हैं कि पहले अपने घर की बिजली बंद कर दें, फिर मैदान में आकर लड़ें, उनका यह बयान हास्यास्पद है। जब छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए खुद भूपेश बघेल इस मामले में राजनीति कर रहे थे और उनके नेताजी वादा कर रहे थे कि पेड़ नहीं कटने देंगे, तब क्या भूपेश बघेल, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी ने अपने अपने घर की बत्ती बंद कर रखी थी? क्या ए.सी., कूलर, पंखे और फ्रिज बंद कर रखे थे जो अब जनता को उपदेश दे रहे हैं।

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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि जब भूपेश बघेल राजनीति करें तो ठीक और जब जनता पेड़ों की अंधाधुंध कटाई का विरोध करे तो गलत! भूपेश बघेल और उनके नेता का यह दोहरा चरित्र ही इनकी असल पहचान है। ये राजनीतिक पाखंड करें तो वह इनकी लीला है और जनता पेड़ों को बचाने आगे आये तो उसे ज्ञान बांट रहे हैं कि बिजली चाहिए तो कोयला खोदना पड़ेगा। तब भूपेश बघेल का यह ब्रम्हज्ञान कहां लुप्त हो गया था जब हसदेव पर दहाड़ें मारकर रो रहे थे।

सोशल मीडिया पर पूछ रहे थे कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की सरकार है या अडानी की? अब भूपेश बघेल और उनके नेता राहुल गांधी बतायें कि अब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसकी सरकार है जो राजस्थान के लिए कोयला खोदने अडानी को पेड़ काटने की मंजूरी दी गई है। यदि आज बिजली के लिए कोयला जरूरी है तो क्या इससे पहले राहुल और भूपेश इधर से आलू डालकर उधर से बिजली निकाल रहे थे?

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि हसदेव पर कुछ लोग राजनीति नहीं कर रहे। यह काम पहले भूपेश बघेल के साथ राहुल गांधी कर रहे थे और अब राहुल के इशारे पर भूपेश बघेल कर रहे हैं। अन्यथा क्या कारण है कि जो एनओसी अधर में अटकी हुई थी वह कांग्रेस की राजमाता के कहने पर तपाक से कैसे जारी हो गई? भूपेश बघेल हर साल 8 हजार पेड़ों की कटाई और उतने ही पेड़ लगाने की जो बात कर रहे हैं, उस पर कोई तब भरोसा कैसे कर सकता है जब कांग्रेस के राज में राजधानी के बाग बगीचों में बापू की कुटिया भी उजाड़ पड़ी हुई हैं। यह सवाल सबसे अहम है कि जो लोग पहले हसदेव अरण्य के पेड़ कटने को लेकर हाय तौबा मचा रहे थे, वे आज इसके समर्थन में जनता को अपमानित क्यों कर रहे हैं। भूपेश बघेल बतायें कि आखिर क्या डील हुई है और राहुल गांधी जवाब दें कि वे जंगल कटने से बचाने पेड़ों से चिपकने के लिए हसदेव कब आ रहे हैं?

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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