मासूम भाई बहन को हाइवा ने रौंदा..दोनो की घटना स्थल पर मौत…नाराज लोगों ने किया उग्र प्रदर्शन..तोड़फोड़ का प्रयास…विधवा मां बर्तन मांजकर बच्चों का पढ़ा रही थी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— सिरगिट्टी में तेज रफ्तार हाईवा की चपेट में आने से स्कूल जा रहे दो बच्चो ने मौके पर दम तोड़ दिया है। घटना सुबह की है। दुर्घनना के शिकार दोनो बच्चे रिश्ते में भाई- बहन है। घटना के बाद ड्राइवर फरार हो गया है। आक्रोशित लोगों ने बीच सड़क पर टायर जलाकर ना केवल उग्र प्रदर्शन किया। बल्कि यातायात जाम कर दिया। लोगों को मनाने में पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पुलिस ने घटना के बाद से फरार हाइवा चालक के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।

पुलिस के अनुसार सिरगिट्टी निवासी कक्षा 10 वीं की छात्रा भावना केवट और सातवी में पढ़ने वाला आयुष केवट रोज की तरह सुबह सात बजे घर से सायकल पर सवार होकर स्कूल के लिए निकले। इसी बीच रास्ते में तेज रफ्तार में अनियंत्रित हाइवा ने दोनो भाई-बहन को अपनी चपेट में ले लिया। घटना इतनी भयंकर थी कि दोनो बच्चों को बचने का कोई मौका नहीं मिला। दोनो भाई बहन की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी। घटना के बाद हाइवा चालक फरार हो गया।

 

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घटना की जानकारी के बाद आक्रोशित स्थानिय लोगों ने परिजनों के शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर बवाल काटा। पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चक्काजाम कर दिया। नाराज लोगों ने बीच सड़क पर धरना प्रदर्शन के साथ टायर जलाकर अपनी नाराजगी और गुस्सा को जाहिर किया। किसी को भी सड़क से आने पर रोक लगा दिया।

 

सूचना मिलते ही ना केवल सिरगिट्टी पुलिस बल्कि तारबाहर और तोरवा समेत अन्य थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। पुलिस को देखते ही प्रदर्शनकारियों ने सिस्टम के खिलाफ जमकर नारबेजी की है। आक्रोशित ग्रामीणों के प्रदर्शन से सड़क के दोनो तरफ गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई। नाराज ग्रामीणों ने इस जमकर जमकर तोड़फोड़ भी किया। साथ ही गाड़ियों में आग लगाने का असफल प्रयास भी किया। इस दौरान नाराज ग्रामीणों को मनाने में पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

नाराज ग्रामीणों को देखते हुए पुलिस ने वाहन मालिक की तरफ से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा दिए जाने का एलान कराया। बावजूद इसके ग्रामीणों ने चक्काजाम समाप्त नहीं किया। काफी समझाइस के बाद पुलिस प्रयास से ग्रामीणों ने अन्ततः सड़क से हटना पड़ा। इस दौरान पुलिस ने घटना स्थल से दोनों बच्चो के शव को  पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा। शाम होने से पहले ही पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले किया गया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि बच्चो के पिता की मौत पहले ही हो चुकी है। दोनो बच्चों को मां लोगों के घरों में बर्तन मांजकर, झाड़ू पोंछा कर पाल रही थी।

पंचर दुकान के खिलाफ फूटा गुस्सा

प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस से मोड़ पर स्थित पंचर बनाने वाले दुकान को हटाने का दबाव बनाया। लोगों ने बताया कि कि मोड़ के पास पंचर बनाने की दुकान से हमेशा हादसा का खतरा बना रहता है।  लोगों मोड़ पर गाड़ी खड़ी कर देते हैं। जिससे दूसरी तरफ से आने वाले लोगों को सामने की तरफ कुछ नजर नहीं आता है। इसके चलते लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही पंचर दुकान हटाने का आदेश भी दिया।

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