बेकसूर महिला को मिला आधा न्याय…थानेदार सस्पेन्ड …नाबालिग का बयान दर्ज…तीन सदस्यीय रिपोर्ट पेश..विवेचना में हुई लापरवाही

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—पुलिस की लापरवाही और फिर प्रयास से रतनपुर नाबालिग दैहिक शोषण मामलें में विधवा महिला को जमानत मिल गयी है। समाज के लोगों की माने तो महिला को आधा न्याय मिला है। सवाल आज भी जिन्दा है कि आखिर पास्को एक्ट लागने में पुलिस को इतनी जल्दबाजी करने की जरूरत क्या थी। यह जानते हुए भी कि झूठा मामला दर्ज कराने वाले पक्ष से पास्को एक्ट का अपराधी जेल में बन्द है। बावजूद इसके बृद्ध महिला पर दो घंटे पहले अपराध दर्ज किया गया..फिर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। जो निश्चित रूप से संदेह को पैदा करता है। जमानत कार्रवाई के बाद लोगों में जमकर चर्चा है कि झूठे मामले में सिस्टम के रसूखदार अधिकारियों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
रतनपुर में नाबालिग दैहिक शोषण मामले में गिरफ्तार विधवा महिला को कोर्ट ने सोमवार को जमानत पर छोड़ दिया है। पास्को एक्ट अपराध दर्ज होने के बाद  मामले में विभिन्न संगठनों ने कलेक्टर और पुलिस कप्तान को लिखित शिकायत कर पीड़ित महिला के खिलाफ प्रार्थी पक्ष की तरफ से साजिश किए जाने का आरोप लगाया।
 
समाज ने बनाया दबाव
कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस कप्तान ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच टीम का गठन किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम ने जांच रिपोर्ट एक दिन पहले संतोष कुमार के हवाले किया। पुलिस कप्तान के आदेश पर मामले को कोर्ट में लाया गया। सोमवार को अदालती प्रक्रिया के दौरान पुलिस ने प्रतिवेदन पेश कर महिला को जमानत दिए जाने को लेकर किसी प्रकार का विरोध नहीं किए जाने की बात कही । इस दौरान पुलिस की तरफ से कोर्ट के सामने एएसपी के जांच बिंदुओं को भी पेश किया गया।
 
 
जमानत पर विरोध से इंकार
कोर्ट को पुलिस की तरफ से बताया गया कि संदेहिया को जमानत दिए जाने का विरोध नहीं करेंगे। अभियोजन पक्ष ने बताया कि जांच में प्रार्थी के आरोपों में विरोधभास पाया गया है। ऐसी स्थिति में पुलिस की तरफ से जमानत पर कोई आपत्ति नहीं है।
कोर्ट में नाबालिग का 164 पर बयान
सोमवार जिला कोर्ट में प्रार्थी की तरफ से पेश किए गए आवेदन पर सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत आवेदक का विरोध नहीं किया गया। वहीं कोर्ट के आदेश पर 9 साल के नाबालिग का 164 के तहत दर्ज किया गया। इसके बाद कोर्ट ने जमानत के आवेदन पर लगा दिया है।
  बहरहाल मामले में नाबालिग ने क्या बयान दिया। इसकी जानकारी आदलती प्रक्रिया के दौरान सामने आएगी।
थानेदार पर गिरी गाज
तीन सदस्यीय टीम ने पुलिस कप्तान को जांच रिपोर्ट दिया। रिपोर्ट में स्थानीय तात्कालीन थानेदार कृष्णकांत सिंह को लापरवाही सामने आयी। रिपोर्ट आधार पर पुलिस कप्तान ने कृष्णकांत सिंह को निलंबित कर दिया है। जांच आदेशित करते ही कृष्णकांत सिंह को लाईन अटैच भी किया गया है।
एसडीओपी को कारण बताओ नोटिस
 रिपोर्ट के अनुसार महिला के खिलाफ पास्को एक्ट अपराध दर्ज करते समय कोटा एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल भी थाना में मौजूद थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि मौके पर मौजूद एसडीओपी ने वस्तुस्थिति को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में नहीं लाया। मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
महिला को मिला आधा न्याय
जमानत मंजूर होने के बाद ब्राम्हण समाज के लोगों ने बताया कि सुनवाई के बाद महिला को आधा न्याय मिला है। गलती किसी की है लेकिन अन्याय बेकसूर महिला के साथ हुआ है। यह जानते हुए भी कि महिला की बेटी के साथ अन्याय हुआ है। रेपिस्ट जेल में है। इस बात की रतनपुर पुलिस को थी कि महिला पर रेपिस्ट पक्ष से लगातार केस वापस करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। इसलिए अपराध दर्ज करने से पहले जांच जरूरी था। लेकिन पुलिस ने दो घंटे पहले अपराध दर्ज करने के बाद महिला को गिरफ्तार जेल में डाल दिया। सवाल उठता है कि इस साजिश के पीछे कौन है। शायद पुलिस को इसकी जानकारी हो..। सवाल उठना लाजिम है कि महिला का खोया सम्मान कौन दिलाएगा। उसकी क्षतिपूर्ति कौन करेगा। जबकि विधवा महिला बेसहारा है। और पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है।
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