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सिर्फ 9 साल की उम्र से ईश्वरीय ज्ञान से जुड़ी, बिलासपुर की मंजू बहन योग आयोग की सदस्य मनोनीत

manju bahan bkबिलासपुर । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बिलासपुर की मंजू बहन को छत्तीसगढ़ योग आयोग का सदस्य बनाया गया है। सिर्फ 9 वर्ष की उम्र से योग – आध्यात्म से जुड़ी मंजू बहन की इस नियुक्ति से बिलासपुर का भी गौरव बढ़ा है। यह जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होने सीजीवाल से कहा कि वे नैतिक मूल्यों के विकास में छत्तीसगढ़ के स्कूल- कालेज स्तर पर हर संभव प्रयास करेंगी।. यही उनकी प्राथमिकता रहेगी।

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ब्रह्माकुमारी मंजू बहन 9 वर्ष कई आयु में ईश्वरीय ज्ञान के सम्पर्क में आईँ।18 वर्ष की आयु में ही उन्होने अपना जीवन ईश्वरीय सेवार्थ समर्पित कर दिया।वे बौद्धिक क्षमता के साथ- साथ आध्यात्मिक क्षमता की भी धनी हैं।और  नैतिक मूल्यों के जरिए मानव सेवा के काम में निरंतर लगी हुई हैं।राजयोग मेडीटेशन के साथ मंजू बहन ने स्वामी सत्यानंद सरस्वती (मुंगेर) , महर्षि महेश योगी, स्वामी रामदेव ( हरिद्वार) से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। मंजू बहन ने अलौकिक पढ़ाई के साथ-साथ लौकिक पढ़ाई भी उत्तम श्रेणी में उत्तीर्ण की।दिव्य जीवन कन्या छात्रावास शक्ति निकेतन इंदौर में ओमप्रकाश भाई जी के कुशल मार्ग निदेशन में अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होने हिन्दी , पर्सनल मैनेजमेंट और संगीत – तीन विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।साथ ही बीएड की डिग्री भी है।उन्हे हिन्दी, मराठी और अंग्रेजी तीन भाषाओँ का ज्ञान है।प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान में प्राचार्य रह चुकी मंजू बहन ने देश के कई शहरों में आध्यात्मिक व्याख्यान दिए हैं।

नैतिक मूल्यों की स्थापना लक्ष्य

छत्तीसगढ़ योग आयोग में सदस्य के रूप में मनोनीत होने पर सीजीवाल से बातचीत के दौरान मंजू बहन ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि प्रदेश में योग-आध्यात्म का डंका बजे। नैतिक मूल्यों को स्कूल-कालेज स्तर पर स्थापित करना प्रमुख लक्ष्य होगा। जिससे भारत का नाम विश्व गुरू के रूप में स्थापित हो सके। यह योग और आध्यात्म के जरिए ही संभव हो सकता है। आसन-प्रणायाम और राजयोग के साथ लोगों के मन में सकारात्मक विचार भी जरूरी है। उन्होने कहा कि उन पर जो विश्वास व्यक्त किया गया है, उसे पूरा करते हुए तन-मन से अपना संपूर्ण योगदान देने का प्रयास करेंगी।

 

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