VIDEO-नवा रायपुर आंदोलन में किसान की मौत पर सियासी हलचल के बीच आया नया वीडियो, जिसमें एँबुलेंस की बज़ाय पहले मीडिया को बुलाने की चर्चा

Shri Mi
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रायपुर । नया रायपुर में किसान आंदोलन के दौरान 68 वर्षीय किसान की मौत को लेकर एक तरफ जहां सियासी हलचल दिखाई दे रही है। वहीं आंदोलन के दौरान का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें आंदोलन स्थल पर किसान की तबीयत बिगड़ने के बाद आसपास खड़े लोग एंबुलेंस से पहले मीडिया को बुलाने की बात करते सुनाई दे रहे हैं। यह वीडियो वायरल होने के बाद लोगों के बीच इस बातो को लेक़र भी चर्चा शुरू हो गई है कि आख़िर एंबुलेंस की बज़ाय इसके प्रचार को अहमियत देने के पीछे मक़सद क्या रहा होगा…?

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ख़बर है कि नया रायपुर प्रभावित किसानों के आंदोलन के दौरान शुक्रवार को 68 वर्षीय किसान सियाराम पटेल की मौत हो गई। अपनी मांगों को लेकर नवा रायपुर प्रभावित किसान पिछले काफ़ी दिन से आँदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के 68 वें दिन शुक्रवार को पैदल मार्च किया था। प्रभावित किसान पर्यावास भवन के सामने नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण मुख्यालय परिसर से मंत्रालय की ओर आग़े बढ़ रहे थे। लेकिन पुलिस ने कुछ ही दूरी पर उन्हें रोक लिया। किसान परिवार खुले आसमान के नीचे धूप में धरने पर बैठ गए। इसी दौरान बरौदा निवासी एक किसान की तबीयत अचानक बिगड़ी और वह बेहोश होकर गिर गए। लोगों की मदद से उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।। ख़बर यह भी आई थी कि उनके पुत्र हीरालाल पटेल अस्पताल पहुंचे । इसके बाद मृतक के शरीर को पोस्टमार्टम के लिए परिजनों के साथ मेकाहारा अस्पताल भेजा गया। पुत्र के अनुसार उनके पिता पिछले 2 सालों से उच्च रक्तचाप के मरीज थे और उसकी दवाई ले रहे थे।

नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति द्वारा बुलाए गए धरना प्रदर्शन और अपनी मांगों के संबंध में आवेदन जमा कराने के लिए आंदोलनकारी किसान वहां जमा हुए थे । आंदोलनकारियों को निर्धारित स्थल पर गेट लगाकर रोका गया और पूर्व सहमति के अनुसार ग्राम वार काउंटर लगाकर आवेदन लिए जा रहे थे । जिला प्रशासन का कहना है कि आंदोलनकारियों की सहमति के अनुसार आवेदन लेने के लिए काउंटर सुबह 11 बजे से लगा दिए गए थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर राजधानी क्षेत्र के 66 वर्षीय किसान सियाराम पटेल के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री बघेल ने उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है।इधर इस घटना का नया वीडियो सामने आने के बाद एक और पहलू भी चर्चा में है। इस वीडियो में किसान क़ी तबीयत बिगड़ने के बाद आसपास के लोग यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि मीडिया को पहले बुलाया जाए।

वैसे पूरे घटनाक्रम में इस बात की भी चर्चा है कि किसान समिति के द्वारा नया रायपुर क्षेत्र के किसानों को फ़ॉर्म जमा करने के नाम से बुलाया गया था। प्रशासन ने सुविधा के लिए प्रत्येक गाँव के लिए अलग अलग कुल 27 काउंटर भी बना दिए थे । कई किसान फार्म जमा करने भी लगे थे । परंतु समिति द्वारा किसानों को फार्म जमा करने से मना कर धरने पर बैठने कहा गया । जिससे देरी होती रही। इसकी एक वज़ह यह भी मानी जा रही है कि भाषण पर अधिक ज़ोर दिया गया और यह सिलसिला काफ़ी समय तक चलता भी रहा। इसी बीच अपना फार्म लेकर पहुंचे 68 वर्षीय किसान की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई ।नया वीडियो सामने आने के बाद चल रही चर्चाओं के बीच आंदोलन समर्थकों की यह प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है कि इस वीडियो को गलत ढंग से प्रचारित किया जा रहा है। वास्तविक में यह वीडियो किसानों ने ही बनाया है। उस समय तक एंबुलेंस भी पहुँच गई थी। इस दौरान मीडिया को बुलाने की बात सहजता से कही गई है। जैसा कि आज के दौर में किसी भी घटना बाद होता है। इसे आंदोलनकारी किसानों की संवेदनशीलता से जोड़ना सही नहीं है।।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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