पहाड़ से मैदान तक जारी है भारी बारिश का कहर, देश के कई राज्यों में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त

Shri Mi
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उत्तर भारत समेत देश के कई राज्यों में बारिश और बाढ़ (Flood) का कहर जारी है. शनिवार को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही मचा दी. हिमाचल प्रदेश के मंडी और चंबा समेत कई जिलों में हाहाकार मच गया. बागी नाला में बादल फटने क घटना ने भी जमकर तबाही मचाई. उत्तराखंड में भी भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. दूसरी तरफ, ओडिशा में भारी बारिश से लाखों लोग जहां-तहां फंस गए हैं. मौसम ने ऐसी करवट ली है कि लगातार गर्मी से जूझ रहे उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी बारिश शुरू हो गई है. हालांकि, कई राज्यों में इस बारिश ने लोगों के लिए समस्या ही पैदा कर दी है. अभी तक देश के अलग-अलग राज्यों में सैकड़ों लोगों की जान चली गई है और लाखों लोग बाढ़ के चलते प्रभावित हुए हैं.

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भारी बारिश और बाढ़ के कहर के बीच हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 13 लोगों की मौत हो गई है. वहीं बड़ी संख्या में लोग लापता बताए जा रहे हैं. दूसरी ओर तीनों राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच मंडी पठानकोट, मंडी कुल्लू और मंडी जालंधर वाया धर्मपुर बंद कर दिए गए हैं. वहीं  कांगड़ा जिले में भारी बरसात होने के कारण रेलवे चक्की पुल रात को बह गया. 

रेलमार्गों और पुलों में दरारें आने के कारण डेढ़ हफ्ते पहले ही रेल सेवा बंद कर दी थी. भारी बारिश को देखते हुए कांगड़ा और कुल्लू में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. वहीं, आज धर्मशाला में भी बादल फटा जिससे इलाके में भूस्खलन हुआ है. राज्य के मंडी जिले में आज तड़के अचानक बाढ़ आ गई जिससे घरों और दुकानों में पानी घुस गया. इससे स्थानीय निवासी फंस गए और सड़क पर खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचा है.

देवभूमि में भी जल प्रलय

देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रायपुर-कुमाल्डा क्षेत्र में शुक्रवार देर रात बादल फटने से नदियां उफना गईं और पुल पानी में बह गए. अधिकारियों ने बताया कि टोंस नदी के किनारे स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर टपकेश्वर महादेव की गुफाओं में भी पानी भर गया. बताया गया है कि सोंग नदी पर बना एक पुल बह गया, जबकि मसूरी के पास स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल केम्प्टी फॉल्स में पानी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. 

उत्तराखंड भी लगातार बारिश हो रही है. भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर बह रहे हैं. पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बरसात के चलते अब मैदानी इलाकों में भी गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. इस बार सीजन में पहली बार 2 घंटे के भीतर दो बार गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है. गंगा के बढ़ते जल स्तर के कारण हरिद्वार से आगे के गंगा किनारे के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. गंगा के किनारे रहने वाले लोगों से गंगा किनारे ना जाने की अपील की जा रही है. 

नदियों का बढ़ा जलस्तर

आपको बता दें कि शुक्रवार रात से ही हरिद्वार में मूसलाधार बरसात हो रही है जिसके चलते हरिद्वार के तमाम उन इलाकों में जलभराव हो गया है जहां पर पूर्व में भी पानी भरता आया है. जलभराव के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बरसात का असर हरिद्वार और उसके आगे के मैदानी इलाकों पर भी पड़ना शुरू हो गया है.

उत्तराखंड में इस बार के बरसाती सीजन में पहली बार गंगा ने 2 घंटे के भीतर खतरे के निशान को पार किया है जिसने सिंचाई विभाग के साथ जिला प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है हालांकि सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 294.5 मीटर दर्ज किया गया जो 9 बजे घटकर 293.95 मीटर आ गया था. इन सबके बीच जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे ने गंगा पट्टी में स्थित तमाम बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है और साथ ही सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी को भी गंगा के किनारे जाने की अनुमति न दी जाए. 

ओडिशा में बिगड़े हैं हालात

इसके इतरा बाढ़ के हालत पूर्वी राज्य ओडिशा के भी हैं. राज्य के उत्तरी हिस्सों में भारी बारिश के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है. यहां शुक्रवार रात भारी बारिश होने के कारण कई नदियों के उफनाने से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. राज्य महानदी नदी प्रणाली में पहले ही बाढ़ की मार झेल रहा है जहां 500 गांवों में लगभग 4 लाख लोग फंसे हुए हैं.

मूसलाधार बारिश के इस कहर को लेकर IMD ने कहा कि भारी बारिश के कारण गहन दबाव क्षेत्र अगले 24 घंटों तक सक्रिय रहेगा और धीरे-धीरे कमजोर होगा. आईएमडी ने कहा कि शुक्रवार रात ओडिशा के दो स्टेशनों में अत्यधिक भारी बारिश, 27 अन्य में बहुत तेज बारिश जबकि 49 स्टेशनों पर भारी बारिश दर्ज की गई थी. हालांकि राज्य में बाढ़ का खतरा अभी तक नहीं टला है. 

झारखंड में 48 घंटों से हो रही है बारिश

झारखंड में भी बारिश का प्रकोप जारी है. यहां के आधा दर्जन जिलों में 30 से लेकर 48 घंटों से हो रही लगातार भारी बारिश  ने जबरदस्त बर्बादी और आफत का आलम पैदा कर दिया है.  बारिश के दौरान अलग-अलग हादसों में अब तक चार लोगों की मौत हो गयी है. जिलों के मुताबिक जमशेदपुर, रांची, पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़ और हजारीबाग में कम से कम डेढ़ सौ पेड़ धराशायी हो गये हैं. वहीं रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से विमानों का परिचालन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. शनिवार को यहां मात्र एक फ्लाइट की लैंडिंग हो पाई थी.

बारिश के चलते यहां बिजली की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. यहां के रामगढ़ जिले के पतरातू में नलकारी पुल पर पानी के तेज बहाव में आधा दर्जन लोगों के बह जाने की खबर है. वहीं जमशेदपुर में पिछले 48 घंटे से हो रही बारिश की वजह से स्वर्णरेखा और खरकई नदी के तटीय इलाके में बाढ़ जैसे हालात हैं. कदमा के तटीय इलाके में नाले का पानी घरों में घुस गया है और लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. 

छत्तीसगढ़ में भी है बाढ़ का खतरा

झारखंड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी भारी बारिश के चलते कई नदी नाले पहले से ही उफान पर हैं. इस बीच मौसम विभाग ने एक बार फिर फिर मूसलाधार बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है. प्रदेश में अगले 24 घंटो के दौरान जमकर बारिश होगी. जानकारी के मुताबिक 20 से 21 अगस्त तक राज्य में कई जिलों में तेज बारिश होगी. इसके चलते राज्य में अब  बाढ़ और बारिश को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. 

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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