मुख्यमंत्री की घोषणा पर हुआ अमल,जशपुर जिले के पहाड़ी कोरवाओं को फिर मिलेगा 167 सरकारी नौकरी

Shri Mi
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जशपुर।पहाड़ी कोरवाओं की ज़ब बात होती है तो मन में एक अलग तस्वीर उभर कर आती है, तीर धनुष से लैस लंगोट पहने जंगल के गुफाओं में रहने वाला एक आदि समुदाय जो अब अपनी विलुप्तता की ओर है. सरकार और प्रशासन इनको संरक्षित करने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे है. जिसके कारण अब जशपुर के पहाड़ों और जंगलो में निवास करने वाली विशेष पिछडी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय के सपने अब साकार होने लगे है.प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विशेष निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन उनके जीवन का रंग बदलने की हर सम्भव कोशिश कर रहा है जिससे वे अब मुख्यधारा से जुड़कर नए आयाम गढ़ने की दिशा में बढ़ रहे है

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जशपुर जिला प्रशासन के द्वारा विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों की जीवन की दशा बदलने के लिए कई प्रयास किये जा रहे है जिससे समुदाय के लोग की अब आर्थिक और सामाजिक प्रगति की कर रहे है.निश्चित ही आने वाले समय में पहाड़ी कोरवा समाज के लिए एक मिसाल बनेंगे. जिस तरह से जिला प्रशासन पहाड़ी कोरवा जनजाति के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य क़ृषि रोजगार, स्वरोजगार एवं अन्य क्षेत्रों में प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रहा है उसमें आने वाले समय वे तेजी से दौड़ते हुए दिखेंगे.जिला प्रशासन उस दिन के इंतजार में जब वह तीर धनुष वाले लंगोटधारी पहाड़ी कोरवाओं की आज की पीढ़ी अंतरिक्ष में जाने की बात करेगी.

शिक्षा से बदल रही पहाड़ी कोरवाओं की तस्वीर

एक बेहतर सोंच और संसाधन के साथ जिला प्रशासन आज विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के शिक्षित युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में लगातार प्रयासरत है.जिला प्रशासन ने इस समुदाय को नई दिशा देने की कोशिश के सार्थक परिणाम अब सामने आने लगे है. इससे पहाड़ी कोरवा युवाओं में आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है और एक बदलाव भी उनमे दिखने लगा है.

पिछले दो साल में जिला खनिज न्यास निधि से 115 विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के शिक्षित युवक युवतियों को अतिथि शिक्षक की नौकरी दी गईं है. इसके अतिरिक्त पूर्व में 36 को शिक्षक, तृतीय श्रेणी के पदों पर 23, चतुर्थ श्रेणी (नियमित) 33, चतुर्थ श्रेणी (कंटीजेंसी) 221 पदों पर भर्ती की गईं है.अब तक पहाड़ी कोरवा समुदाय के कुल 428 शिक्षित युवक युवतियों को शासकीय नौकरी में नियुक्ति प्रदान कर उनके जीवन में खुशियों का नया रंग भर दिया गया है।

प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी ने 2022 में भेंट मुलाक़ात कार्यक्रम में जशपुर जिला के प्रवास दिनांक 26 जून को विशेष पिछडी जनजाति के लिए तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के लिए विशेष भर्ती अभियान करने की घोषणा की है जिसके पालन में जशपुर जिले में लगभग 167 युवक युवतियाँ को सीधी नियुक्ति दी जा रही है इस भर्ती में वर्तमान में सहायक शिक्षक (नियमित)
के पद पर 10 ,हायरसेकेण्डरी और कम्प्यूटर पात्रता धारी को प्राथमिकता देते हुए सहायक ग्रेड 3 के पद पर 8 लोगों को,1 ड्रेसर वर्ग 2 के पद पर विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त 2022 को नियुक्ति दिया जायेगा.

जिला प्रशासन की सोंच है कि विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवा जनजाति के बदलाव और उनके उत्थान का एकमात्र रास्ता शिक्षा है जिसके माध्यम से वे विकास के अनेक सोपान तय कर सकते है इसके लिए आदिम जाति विकास विभाग द्वारा उनके लिए छात्रावास आश्रम की स्थापना की गईं है.जिसमें वर्तमान में कुल 850 बालक बालिका है.पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चों के लिए पृथक से पहाड़ी कोरवा आवासीय विद्यालय रूपसेरा में स्थापित है जहाँ कक्षा 1ली से 10 तक प्रत्येक कक्षा में 10 बालक और 10 बालिकाओं के लिए सीट स्वीकृत है जिसमें 200 सीटें स्वीकृत है.

इसके अतिरिक्त भी कई अन्य स्कूलों में पहाड़ी कोरवा बच्चे अध्ययनरत है.पहाड़ी कोरवा बालिकाओं के लिए तीन कन्या एवं एक बालक आश्रम को आदर्श आश्रम के रूप में विकसित किया गया है.जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कुल 71 बच्चे, प्रयास आवासीय में 2 बच्चे अध्ययनरत है. कभी सोंचा भी नहीं जा सकता था कि पहाड़ी कोरवा समुदाय का बच्चा अंग्रेजी माध्यम स्कुल में पढ़ेगा लेकिन आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के महत्वकांक्षी योजना स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बगीचा में वर्तमान में 12 बच्चे अध्ययन कर रहे है. जो यह प्रदर्शित कर रहा है कि जिला प्रशासन के द्वारा पहाड़ी कोरवा समुदाय के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की दिशा में किये जा रहे प्रयास अब सफल हो रहे हैं. अन्य शासकीय स्कूलों में वर्तमान में 1652 छात्र छात्राएं कक्षा 1से 12 तक अध्यनरत कर रहे है

जिला प्रशासन ने पहाड़ी कोरवा बच्चों को स्टेट टॉपर बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है. जिला खनिज न्यास मद से संचालित संकल्प शिक्षण संस्थान में वर्ष 2022-23 में 21 बच्चों का चयन कर उन्हें विशेष शिक्षा प्रदान किया जा रहा है. अब वह दिन दूर नहीं जब राज्य के मेरिट सूची में स्थान बना कर
पहाड़ी कोरवाओं बच्चों के द्वारा सफलता का नए युग में प्रवेश करेंगे.निश्चित रूप से पहाड़ी कोरवा बच्चे अब बेहतर रिजल्ट देंगे. जिला प्रशासन की सोंच है कि ज़ब पहाड़ी कोरवाओं के बच्चे शिक्षित होंगे तो वे अपने परिवार के साथ समाज को जागरूक करेंगे और अपने समाज के लिए प्रेरणा बनेंगे. यही जागरूकता उन्हें विभिन्न प्रकार के शोषण से भी बचाकर उनके उन्नति का द्वार खोलेगी.

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे पहाड़ी कोरवा समुदाय

किसी भी क्षेत्र में पहाड़ी कोरवाओं के विकास में किसी भी प्रकार की कमी न हो,इस संवेदनशीलता के साथ आज कलेक्टर रितेश अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन काम कर रहा है आज पहाड़ी कोरवा निवास क्षेत्र और ग्राम में बुनियादी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए लगातार कार्य किये जा रहे है. पहाड़ी कोरवा निवासरत बसाहटो में शत-प्रतिशत सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया जा रहा है.अब तक 91 पहाड़ी कोरवा बसाहटो में विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें 2439 पहाड़ी कोरवा मरीजों को लाभान्वित करते हुएआवश्यकतानुसार औषधि वितरण किया गया है एवं उनमें बीमारियों के रोकथाम के लिए जागरूकता लाई जा रही है.

विशेष पिछडी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं के गंभीर बीमारी के इलाज के लिए भी प्रशासन संवेदनशील रहा है. स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से चिन्हित गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मेडिकल कालेज भेजने एवं उनके इलाज की भी समुचित व्यवस्था की गईं है.इसके साथ ही पहाड़ी कोरवाओं के निवास क्षेत्र एवं बसाहटो में 15 दिवसीय योग एवं नशामुक्ति जनजागरूकता अभियान शिविर आयोजित कर उन्हें जागरूक करने का काम लगातार किया गया है. इसका व्यापक लाभ लेने के लिए पहाड़ी कोरवाओं को प्रोत्साहित किया गया है जिसके कारण अधिक संख्या में योग शिविर में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हुई है.

सुपोषण से सशक्तिकरण की ओर पहाड़ी कोरवा समुदाय

विशेष पिछडी पहाड़ी कोरवाओं में कुपोषण दूर करने के लिए एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना जशपुर एवं महिला बाल विकास के माध्यम से सामूहिक प्रयास किया गया है. पहाड़ी कोरवा किशोरी बालिकाओं को प्रतिदिन आहार में मूंगफली /सोया, गुड़ की पट्टी प्रदाय कर अतिरिक्त पोषण वृद्धि का प्रयास किया जा रहा है

विशेष पिछडी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं के विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित किया गया है जिसमें पूरक पोषण आहार में 4377, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में 856, अतिरिक्त पोष्टिक आहार से लाभान्वित 3168, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना 571, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 06 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है.

पहाड़ी कोरवाओं को उन्नत क़ृषि से जोड़ने का सार्थक प्रयास

पहाड़ी कोरवाओं की जीविका का मुख्य आधार क़ृषि है जिसे दृष्टिगत कर जिला प्रशासन जशपुर के द्वारा उनके कृषि संसाधनों में वृद्धि कर समृद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है.साथ ही प्रयास किया जा रहा है कि उन्हें उन्नत एवं आधुनिक खेती की दिशा में वे धीरे से आगे बढ़ें. इसके लिए जिला प्रशासन पहाड़ी कोरवाओं को आधुनिक क़ृषि के लिए प्रशिक्षित एवं जागरूक कर रहा है जशपुर जिले के इस जनजातीय समुदाय के लिए डबरी निर्माण, भूमि सुधार, कुंआ निर्माण, जैसे कार्य किये जा रहे है. सौर सूजला योजनातर्गत पहाड़ी कोरवाओं को 44 सोलर पम्प उपलब्ध कराये गए है. साथ ही सब्जी एवं मसाला मिनी किट,स्प्रिंकलर सेट भी प्रदान किया गया है. जिसके माध्यम से उन्होंने उन्नत कृषि से अपनी आय में बढ़ोतरी भी की है. वर्तमान में उन्हें चाय कॉफी की खेती की दिशा में भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.पहाड़ी कोरवा परिवार के सदस्यों को 697 व्यक्तियों को 535.708 हेक्टेयर व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, 421 को 10747.216 हेक्टेयर वन अधिकार पत्र एवं 48 को 20164.577 हेक्टेयर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र भी वितरित किया गया है.

स्वावलंबन से समृद्धि की ओर

पहाड़ी कोरवाओं जनजातीय परिवार के युवाओं को आर्थिक विकास के लिए स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास जिला प्रशासन के द्वारा किया गया है. 40 पहाड़ी कोरवा युवाओं को प्लम्बर ट्रेनिंग, हैण्ड पम्प सुधार एवं घरेलू रनिंग वाटर कनेक्शन सुधार कार्य, सेनेटरी फिटिंग जैसे कामों के लिए ट्रेनिंग देकर स्व रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया गया है. जिससे की वे निवासरत क्षेत्र में ही काम करके आमदनी कर सकें.इस तरह के रोजगारोनमुखी प्रशिक्षण से विशेष पिछडी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवार के युवाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है.

प्रशासन ने किया पहाड़ी कोरवाओं की हर समस्या का समाधान

जशपुर जिले में निवासरत विशेष पिछडी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं के हर समस्या का समाधान करने जिला प्रशासन संवेदनशील रहा है, जिसके कारण उनकी हर समस्या को गंभीरता से लेकर उनकी छोटी छोटी हर समस्या का हल किया है इसके लिए जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने पहाड़ी कोरवा बसाहटों में शिविर एवं चौपाल लगाकर हर समस्या का त्वरित निदान किया है, चाहे वह वन अधिकार पट्टे, वन अधिकार पुस्तिका का हो या फिर रोजगार या स्वरोजगार का, उन्होंने कोरवा परिवार की माँग पर बैल जोड़ी, बकरी पालन, बाड़ी घेराव, क़ृषि उपकरण, मिनी बीज किट स्वीकृत /प्रदाय किया गया है
पहाड़ी कोरवाओं की माँग पर बसाहट क्षेत्र में क़ृषि एवं पेयजल के लिए 395 बोर खनन कराय गए है. अब तक 4213 पहाड़ी कोरवा परिवार को राशनकार्ड प्रदाय कर समाधान किया गया है.इसके अतिरिक्त जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, श्रम कार्ड भी बनाए गए है जिससे पहाड़ी कोरवाओं की समस्या घर बैठे ही दूर हो गईं.

परम्परागत खेलों से जोड़कर उत्साह वर्धन

विशेष पिछड़ी जनजाति समूह ‘‘पहाड़ी कोरवा’’ एवं ‘‘बिरहोर’’ परिवार के सदस्यों एवं विद्यार्थियों को परम्परागत खेलों में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने हेतु 23 जुलाई को जिला स्तरीय खेल एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया. कोरवा जनजाति के 06- 18 वर्ष आयु समूह के बच्चों एवं 18 वर्ष से ऊपर के युवाओं एवं युवतियों का अलग अलग समूह बना कर प्रतियोगिता कराई गईं और सभी का उत्साह बढ़ाया गया है इसमें कई खेलों को सम्मिलित किया गया है जिसमें
तीरंदाजी प्रतियोगिता, गुलेल प्रतियोगिता, फुगड़ी प्रतियोगिता, सई-धागा दौड़, बोरा दौड़, एवं रस्सा-कस्सी जैसी प्रतियोगिता रखा गया. इसमें विजेता प्रतिभागियों को विश्व आदिवासी दिवस’’ 09 अगस्त के राज्य स्तरीय आयोजन रायपुर में जशपुर की पहाड़ी कोरवाओं की विजेता टीम शामिल होने भेजा गया है।

स्वावलंबन की ओर बढ़ रही हैं पहाड़ी कोरवा महिलाएं

पहाड़ी कोरवाओं के समुचित विकास के लिए अब समुदाय की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने एवं आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए विभिन्न समूहों से जोड़ने का काम किया जा रहा है. हालंकि पहाड़ी कोरवा महिलाओं को समूहों के साथ जोड़ कर मल्टीएक्टिवी गतिविधियों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है जिससे वे आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें.

जशपुर जिले की पहाड़ी कोरवा महिलाएं अब स्वावलंबन की ओर बढ़ रही है और l मुख्यधारा से जुड़ कर अतिरिक्त आय कमा रही है।बगीचा विकासखंड में सरधापाठ से जुड़े पहाड़ी कोरवा स्वयं सहायता समूह बैंक लिंकेज करते हुए मिर्च की खेती कर रही हैं.मिर्च की खेती से आय हो रही हैं. इसके अतिरिक्त रौनी ग्राम पंचायत में पहाड़ी कोरवा समाज की लक्ष्मणीया बाई सक्रिय महिला के रूप में बिहान योजना में पंचायत का नेतृत्व कर रही हैं। रौनी ग्राम पंचायत में कृषि सखी के रूप में कार्यरत पहाड़ी कोरवा समाज की सुमित बाई संवहनीय कृषि कार्यक्रम से जुड़कर खुद एवं अन्य किसानों को बेहतर कृषि कार्य सीखा रही हैं।
इसी प्रकार मनोरा विकासखंड अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत चल रहे स्वयं सहायता समूह गठन कार्यक्रम में सोनक्यारी और आस्ता में पहाड़ी कोरवा समाज की महिलाएं जुड़ रही है। अलोरी ग्राम पंचायत में कोरवा महिलाओं ने बैंक लिंकेज कर दोना पत्तल मशीन खरीदा है एवं उत्पादन कर लाभ कमा रहे हैं। पहाड़ी कोरवा समाज की महिलाओं एवं पुरुषों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील है जिसके परिणाम अब दिखने लगे है.

गोधन न्याय योजना से जुड़ रहे है पहाड़ी कोरवा परिवार

छतीसगढ़ शासन की महत्त्वपूर्ण गोधन न्याय योजना से लाभ लेने में अब पहाड़ी कोरवा समुदाय भी पीछे नहीं है वे भी गोबर बेचकर परिवार को समृद्ध करने का कार्य कर रहे है.बगीचा ब्लॉक के ग्राम सरधा पाठ के दीना पिता पीलू ने विक्रय गोबर 140 kg, मुकेश पिता दीना गोबर 222 kg एवं देवडांड के मोहन साय हसदा पिता छंदु 280 किलो गोबर विक्रय किया है.लगातार पहाड़ी कोरवा क्षेत्र में शासन की योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा जिससे प्रत्येक पहाड़ी कोरवा परिवार में समृद्धि आ सके.

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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