दिल्ली।Bank strike: पब्लिक सेक्टर के बैंक्स को प्राइवेट करने की सरकार की योजना के खिलाफ़ इसी सप्ताह 2 दिन की बैंक हड़ताल होने जा रही है. यूनियनों का कहना है कि कि सरकार का यह कदम देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी सही नहीं होगा. बैंक यूनियनों की तरफ से कहा गया है उनकी हड़ताल में भारतीय स्टेट बैंक के साथ ही तमाम सहकारिता बैंकों और अन्य बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल होंगे. रिपोर्ट के अनुसार ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी संजय दास ने कहा है कि सरकारी बैंकों को प्राइवेट हाथों में सौंपने से अर्थव्यवस्था के प्रायरटी सेक्टर्स को नुकसान होगा. इसके अलावा सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और ग्रामीण इकॉनमी से जुड़ा हुआ क्रेडिट फ्लो भी गड़बड़ा जाएगा.
SBI की सेवाओं पर पड़ सकता है असर
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने 16 दिसंबर से दो दिवसीय हड़ताल बुलाई है. इस पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि सामान्य दिनों की तरह होने वाले कामकाज पर इन दो दिनों तक कुछ प्रभाव पड़ सकता है, हालाकि हड़ताल के दौरान अपनी बैंक ने अपनी सभी शाखाओं में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है.
एसबीआई ने अपनी स्टेटमेंट में कहा है कि उसे इंडियन बैंक्स असोसिएशन ने यह सूचना भी है कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स की तरफ से हड़ताल बुलाई गई है. इस हड़ताल में कई यूनियनें भाग ले रही हैं, जैसे कि AIBEA, AIBOC, NCBE, AIBOA, BEFI, INBEF और INBOC. 16 और 17 दिसंबर 2021 को दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल रहेगी.
क्यों हो रही है ये दो दिन की हड़ताल
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन के महासचिव संजय दास ने कहा कि अगर सरकार बैंकों के निजीकरण के विचार को नहीं छोड़ती है तो दो दिवसीय हड़ताल के अलावा अन्य आंदोलनकारी कार्यक्रमों की एक सीरीज आयोजित की जाएगी.केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021 के बजट भाषण में कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों का निजीकरण किया जाएगा.